जोशीमठ : बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की वैदिक प्रक्रिया शुरू, आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी व गाडू घड़ा पांडुकेश्वर को रवाना

Team PahadRaftar

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की वैदिक प्रक्रिया शुरू, आदि गुरु शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी रेंकवाल पंचायत की अगुवाई में पांडु नगरी रवाना

संजय कुंवर,जोशीमठ

भू-बैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की पारंपरिक वैदिक प्रक्रिया शुरू हो गई है, बीकेटीसी द्वारा यात्रा की तैयारियां अंतिम चरण में, मंदिर सिंह द्वार बदरीनाथ धाम परिसर को पुष्पों से सुसज्जित किया जाएगा।

आज नृसिंह बदरी मंदिर प्रांगण में वैदिक परम्परा अनुसार श्री गणेश पूजन के बाद शुरू हुई बदरी धाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया, महा लक्ष्मी मंदिर में मुख्य पुजारी रावल जी के सानिध्य में हुई विशेष पूजा। बदरीनाथ धाम के हक – हकूकधारियों  रेंकवाल पंचायत द्वारा सजाई गई आदि गुरु शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी. गद्दी दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु, महा लक्ष्मी मंदिर में रावल जी और धर्माधिकारी बदरीनाथ सहित साधु समाज तीर्थ पुरोहितों की उपस्थिति में हुई विशेष पूजा। श्री गणेश पूजन और शंकराचार्य जी की गद्दी पूजन के बाद सेना के बैंड की मधुर धुन जय बदरी विशाल के जयकारे के साथ शंकराचार्य जी की गद्दी पांडुकेश्वर हुई रवाना।

बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल जी के सानिध्य में शंकराचार्य जी की गद्दी पहुंचेगी पांडु नगरी, जोशीमठ रेंकवाल कॉम के हक हकूकधारी कर रहे हैं शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी की अगुवाई। महिला मंगल दल नरसिंह मंदिर के भजनों के बीच खूब थिरके श्रद्धालु, नरसिंह मंदिर से सड़क मार्ग तक लोगों ने पुष्प वर्षा कर किया डोली और रावल जी का स्वागत सत्कार, आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी और गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा आज पांडुकेश्वर पहुंचेगी। 12मई को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट, भगवान बद्रीनारायण के धाम बदरीनाथ के कपाट 12 मई को खुलने जा रहे हैं। इस से पहले आज बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल जी के सानिध्य में नरसिंह मंदिर प्रांगण में हुई विशेष पूजा-अर्चना के बाद आदि गुरु शंकराचार्य की पवित्र गद्दी और गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा पांडुकेश्वर के लिए रवाना हुई। रविवार को पांडु नगरी से भगवान उद्धव जी और कुबेर जी की देव डोलियां भी भगवान श्री बदरी नारायण जी के बद्रीश पंचायत की शोभा बढ़ाने के लिए बदरीनाथ धाम रवाना होगी। ठीक 12मई को ब्रह्म मुहूर्त में भगवान उद्धव जी और कुबेर जी की दोनों देव डोलियां गर्भ गृह में प्रवेश करेंगी। इससे पूर्व शीतकाल में श्री हरि नारायण जी के सानिध्य में रहने वाली मां महा लक्ष्मी जी को गर्भ गृह से बाहर लाकर लक्ष्मी मंदिर में 6 माह के लिए विराजमान किया जायेगा,12मई को प्रातः काल भू बैकुंठ धाम श्री बदरीनाथ जी के कपाट आम श्रद्धालुओ के दर्शनार्थ खोले जायेंगे, कपाट खुलने पर ग्रीष्मकालीन  6 माह के लिए श्री हरि नारायण जी की नित्य दैनिक पूजा-अर्चना का दायित्व देवताओं से मनुष्यों के पास आ जायेगा। जहां बदरीनाथ धाम में भगवान श्री बदरी विशाल जी की नित्य पूजन अर्चन का दायित्व मुख्य पुजारी रावल जी के पास होगा।

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