जोशीमठ : फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए खुली, डीएफओ ने दिखाई हरी झंडी

Team PahadRaftar

जोशीमठ : विश्व प्राकृतिक धरोहर फूलों की घाटी प्रकृति प्रेमियों के लिए खुली,पर्यटक वैली की स्वच्छता का रखें विशेष ध्यान : बी ०वी०मार्तोलिया, DFO नन्दा देवी

संजय कुंवर फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क घांघरिया, जोशीमठ

उत्तराखंड के धार्मिक पर्यटन और तीर्थाटन के मुख्य स्रोत चार धाम और पंच केदारों के कपाट खुलने के बाद आज चमोली जिले की खूबसूरत उच्च हिमालई भ्यूंडार घाटी में स्थित विश्व प्राकृतिक धरोहर स्थल फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क को भी देशी विदेशी पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों के लिए आज से खोल दिया गया है। प्रकृति प्रेमियों के लिए ये एक अच्छी खबर है।

दरअसल अपनी दुर्लभ पुष्पों की प्रजातियों के लिए दुनिया भर में मशहूर विश्व धराेहर स्थल फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान को आज शनिवार से पर्यटकों के लिए खोल दी गई है। आज सुबह आठ बजे नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क के प्रभागीय वनाधिकारी बी०पी० मार्तोलिया ने लाेकपाल घाटी के जन प्रतिनिधियों प्रकृति प्रेमियों और पर्यटकों की माैजूदगी में वैली के मुख्य प्रवेश द्वार का पूजन करने के बाद पहले दल काे हरी झण्डी दिखा कर फूलों की घाटी की यात्रा का शुभारंभ किया।
बता दें कि फूलों की घाटी नेशनल पार्क समुद्र तल से 12,995 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और 87.5 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैली है। वर्ष 1932 में अपने कामेट पर्वत आरोहण के दौरान बिटिश पर्बताराेही और वनस्पति विज्ञानी फ्रैंक स्मिथ की खाेजी अल्पाइन पुष्पों की दुर्लभ घाटी काे सन 1982 में राष्ट्रीय पार्क का दर्जा मिला था, वहीं वर्ष 2005 में इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया गया। पिछले वर्ष करीब 13 हजार 761 देशी विदेशी पर्यटक घाटी का दीदार करने पहुंचे थे।फूलों की घाटी का दीदार करने के लिए भारतीय पर्यटकों से 200 रुपये और विदेशी पर्यटकों से 800 रुपये का प्रवेश शुल्क घाटी के प्रवेश द्वार पर लिया जाता है।
उत्तराखंड के सीमांत चमाेली जनपद के उच्च हिमालयी भ्यूंडार घाटी मे माैजूद इस नन्दन कानन फूलों की घाटी पहुंचने के लिए यात्रा बेस कैंप गाेविन्द धाम घांघरिया से करीब 4 किमी पैदल चलना पड़ता है। नन्दा देवी राष्ट्रीय पार्क के डीएफओ बी०वी०मर्तोलिया ने विश्व धरोहर फूलों की घाटी की सैर करने आने वाले सभी पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों से अपील की है की वैली के प्राकृतिक सुन्दरता का लुत्फ उठाएं लेकिन इस विश्व धरोहर की स्वच्छता के प्रति भी सचेत रहे और, घाटी के दुर्लभ जैव विविधता और पुष्पों को नुकसान पहुंचाये बिना यहां के फ्लोरा और फ्यूना को एक्सप्लोर करें,पहले दिन करीब 30 पर्यटकों ने वैली के लिये पंजीकरण कराया और इस खूबसूरत वियावांन की सैर की है, इस दुर्लभ पुष्पों की घाटी में अलग-अलग मौसम में पांच सौ से अधिक अल्पाइन प्रजाति के रंग-विरंगे पुष्प खिलते हैं। सबसे अधिक पुष्प घाटी मे मध्य जुलाई- से अगस्त माह में खिलते हैं। आज की वैली ओपनिंग सेरेमनी में, वन दरोगा, अनूप कुमार, पुलना गांव के ग्राम पंचायत प्रमुख शिवराज सिंह चौहान, स्थानीय होटल कारोबारी और प्रकृति प्रेमी संजय सिंह चौहान, होटल कारोबारी गिरीश चौहान, जीएमवीएन के प्रबंधक किशोर डिमरी, पर्यटन कारोबारी परवेंद्र चौहान, मुख्य नेचर टूरिज्म गाइड रजनीश सिंह,सहित EDC भ्यूंडार के पदाधिकारीयों के साथ घांघरिया के कई प्रकृति प्रेमी युवा मौजूद रहे।

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