संजय कुंवर
जोशीमठ : आदिगुरु शंकराचार्य की पवित्र गद्दी नृसिंह मंदिर गद्दीस्थल में हुई विराजित।
भगवान नृसिंह मंदिर जोशीमठ में आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी शीतकाल के लिए विराजित हो गई है। अब छह माह शंकराचार्य गद्दी के दर्शन जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में होंगे। छह माह श्रद्धालुओं को बदरीनाथ धाम में गद्दी के दर्शन होते हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है।
आदि गुरु शंकराचार्य गद्दी की पूजा अर्चना के बाद सुबह योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर से शंकराचार्य जी की पवित्र डोली को जोशीमठ नरसिंह मंदिर रवाना किया गया। इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पवित्र गद्दी की पूजा अर्चना की। बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी के सानिध्य में शंकराचार्य गद्दी को यात्रा के साथ जोशीमठ नृसिंह मन्दिर स्थित मठ आंगन परिसर में लाया गया। यहां पर लोगों ने फूल वर्षा कर शंकराचार्य गद्दी का स्वागत किया।
पूजा अर्चना के बाद आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी जो जोशीमठ के नृसिंह मंदिर के समीप मठ आंगन शंकराचार्य गद्दी स्थल में विराजित किया गया। शीतकाल के दौरान जहां भगवान श्री हरि नारायण अपने दर्शन योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर और जोशीमठ नृसिंह मंदिर में देंगे वहीं शंकराचार्य गद्दी के दर्शन जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में होंगे। इस दौरान धर्माधिकारी राधा कृष्ण थपलियाल, सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे। इसके साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा का विधिवत समापन हो गया है।