संजय कुंवर
जोशीमठ : हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले‘हिंद दी चादर’सिक्ख धर्म के 9 वें गुरु तेग बहादुर जी का शहादत दिवस हर्षोल्लास से मनाया।
सिखों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी का आज शहादत दिवस श्री हेमकुंट साहिब गुरुद्वारा प्रबन्धन कमेटी के सौजन्य से जोशीमठ स्थित गुरुद्वारे में हर्षोल्लास से मनाया गया। सिक्खों के 9 वें गुरु गुरु तेग बहादर विश्व के एकमात्र ऐसे धार्मिक महापुरुष हुए हैं, जिन्होंने किसी दूसरे धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए।श्री गुरु तेग बहादर जी द्वारा हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए प्राण न्यौछावर करने के कारण इन्हें ‘हिंद दी चादर’ कहा जाता है।
गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान दिवस को लेकर श्री हेमकुंट साहिब के मुख्य यात्रा बेस कैम्प जोशीमठ नगर स्थित गुरुद्वारे में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हुए। सुबह से जोशीमठ गुरुद्वारा साहिब में सबद कीर्तन और सुखमणि साहिब का पाठ हुआ, जिसके बाद पवित्र अरदास हुई साथ ही दरबार साहिब में हुक्म नामा पढ़ा गया। इस अवसर पर हेमकुंट गुरुद्वारा साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह सहित जोशीमठ नगर के प्रथम व्यक्ति पालिका अध्यक्ष शैलेन्द्र पंवार, पूर्व पालिका अध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, जोशीमठ महा विद्यालय के डा०चरण आदि वक्ताओं ने गुरु तेग बहादुर के सहादत को याद कर उनके जीवन के इस महान त्याग से सीख लेने का संकल्प लेने की बात कही, वहीं छेत्र के जनप्रतिनिधियों ओर नगर छेत्र से पहुंची संगत ने पवित्र गुरुद्वारा साहिब में मत्था टेक कर गुरु तेग बहादर की शहादत को याद कर उनको नमन किया। इस अवसर गुरुद्वारा जोशीमठ प्रबन्धन द्वारा सर्व धर्म भंडारा लंगर का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों गुरु भक्तों ने गुरु प्रसाद चखा,कहा जाता है कि पहले इनका नाम त्याग मल्ल था परंतु करतारपुर साहिब में गुरु हरगोबिंद साहिब जी के साथ मुगलों की हुई लड़ाई में इन्होंने अपनी तलवार के ऐसे जौहर दिखाए कि गुरु हरगोबिंद साहिब जी ने खुश होकर इनका नाम त्याग मल्ल जी से बदलकर (गुरु) ‘तेग बहादुर’ रख दिया।