जनवरी माह में ही आग से स्वाह होते जंगल, तपोवन धोली गंगा घाटी के जंगलों में लगी आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग को करने पडेगी कड़ी मशक्कत
संजय कुंवर
जोशीमठ : जहां सीमांत जोशीमठ क्षेत्र सहित पूरी नीति माणा घाटी जनवरी माह में भी बारिश और बर्फबारी न होने से जूझ रही है। वहीं सीमांत के पहाड़ों में लग रही आग बर्फबारी के चक्र को भी प्रभावित कर रही है।
जोशीमठ प्रखण्ड में तपोवन अलकनंदा नदी के दूसरे छोर पर गंगा पार, भंग्यूल, जुग्जू,जुवा ग्वाड़, तोक क्षेत्र की पहाड़ियां देर रात से धू-धू कर जल रही हैं। जिसके कारण पूरे जोशीमठ क्षेत्र की पहाड़ियों में दोपहर में ही आग के धुंए से धुंध छाई हुई है। आग लगने के बाद जोशीमठ तक घर की छत और आंगनों में जले हुए घास के फोहे उड़ कर आ रहे हैं। ऐसे में बर्फबारी बिना सूखी पहाड़ियां आग की लपटों से और गर्म और काली रंग की नजर आ रही है, सूखे पहाड़ों में अब दावानल का लगना हिमालई क्षेत्रों के पर्यावरण के लिए कहीं न कहीं नुकसान देय साबित हो रहा है। हालांकि वन विभाग आग पर काबू पाने में युद्धस्तर पर जुटा हुआ है। लेकिन आग पहाड़ियों में लम्बे दायरे में फैली है लिहाजा रास्ता नही होने के कारण आग बुझाना वन कर्मियों के लिए काफी दिक्कत भरा साबित हो रहा है। आग कैसे लगी किसने लगाई इसको लेकर वन विभाग जांच में जुटी हुई है, फिलहाल तपोवन क्षेत्र के दूसरे छोर पर धोली गंगा घाटी के पहाड़ियों में धुंए का बड़ा गुबार ही नजर आ रहा है।