
संजय कुंवर
जोशीमठ : संत कबीर दास जी ने गुर की महिमा का वर्णन करते हुए कहा है। गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय। बलिहारी गुरु आपनो, जिन गोविंद दियो बताय। उन्होंने गुरु को भगवान से उपर का दर्जा दिया है। ऐसे ही एक गुरु की सेवा ने ग्रामीणों को इतना प्रभावित किया कि उनके स्थानांतरण होने पर छात्र – छात्राएं व अभिभावक रोने लगे।
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गौरतलब है कि रमेश चन्द्र आर्य का अंग्रेजी राइंका गणाई मोल्टा जोशीमठ से 18 साल बाद अन्यत्र स्थानांतरण हो गया है। जिन्होंने लंबे समय तक शिक्षणेत्तर कार्य में हमेशा शतप्रतिशत रिज़ल्ट दिया है। साथ ही ग्रामीणों को अपने परिवार की तरह समझ कर समाजिक कार्यों में भी अपनी उपस्थिति दी है। उनके विदाई पर विद्यालय के छात्रों के साथ अभिभावक भी रो पड़े।