जोशीमठ : महाशिवरात्रि पर्व पर कल्पेश्वर महादेव मंदिर में रात्रि जागरण कर नि:संतान को होती संतान-सुख की प्राप्ति, उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

Team PahadRaftar

कल्पेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक को उमड़ी भक्तों की भीड़, रात्रि जागरण कर नि:संतान को होती संतान-सुख की प्राप्ति

रघुबीर नेगी

उर्गमघाटी : पंच केदारों में विराजमान शिव का पांचवां केदार कल्पेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। भक्तों ने अपने आराध्य भोलेनाथ का जलाभिषेक कर मनौती मांगी। पंच केदारों में एकमात्र केदार कल्पेश्वर महादेव मंदिर उर्गमघाटी जहां शिवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाया जाता है, शिवरात्रि महापर्व पर यहां नि:संतान दम्पत्ति संतान प्राप्ति हेतु रात्रि जागरण करते हैं।

ब्रह्म मुहूर्त में भल्ला वंश के पुजारी ने बाबा कल्पेश्वर महादेव का श्रृंगार कर पूजा अर्चना की, उसके पश्चात भक्तों ने भोलेनाथ के जयकारों के साथ दर्शन किए। महिला विकास समिति देवग्राम ने चौलाई के 1100 लड्डूओं एवं झंगोरे की खीर का भोग लगाकर महादेव से उर्गमघाटी एवं उत्तराखंड के सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की।कल्पेश्वर महादेव मंदिर में शिव के जटा स्वरूप की पूजा की जाती है जो बारह महीने खुला रहता है।

क्यों कहा जाता है कल्पेश्वर महादेव

पुराणों के अनुसार समुद्र मंथन से देवता और दानवों को जब कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ तो देवाधिदेव महादेव ने कल्पेश्वर महादेव मंदिर में स्थित कलेवर कुंड से कमण्डल में जल भरकर समुद्र में डालने को कहां जिसके बाद 14 रत्नों की प्राप्ति हुई। जिसमें लक्ष्मी और कल्पवृक्ष भी था जिस कारण पंचम केदार कल्पेश्वर महादेव कहलाया।

कल्पेश्वर महादेव मंदिर जहां भोलेनाथ के आशीर्वाद से कल्पना साकार होती है, महाशिवरात्रि पर्व पर नि:संतान दम्पत्ति यहां रात्रि जागरण करते हैं और अगले वर्ष लोगों को संतान प्राप्ति होती है ऐसी लोगों की आस्था है। देवताओं और दानवों के बीच समुद्र मंथन की पहली बैठक भी इसी स्थान पर हुई थी भोलेनाथ ने पवन देव को देवराज इन्द्र को खोजने के लिए कहा था दुर्वासा ऋषि के श्राप के कारण देवराज इन्द्र ने इन्द्रकील पर्व के ऊपर मसक रुप में हजारों वर्षों तक महादेव की आराधना की । पांडवों ने भी कल्पेश्वर महादेव मंदिर आकर भगवान भोलेनाथ से मोक्ष की प्राप्ति हेतु भगवान नारायण का ध्यान करने का अनुरोध किया था। उसी समय से पंचबदरी में विराजमान हैं यहां ध्यान बदरी। शिव की जटाओं में गंगा के विराजमान होने के कारण यह स्थान भक्तों के लिए बारह महीने खुला रहता है।

इस अवसर पर दरमान सिंह मुख्य पुजारी कुलदीप नेगी मोहन नेगी प्रेम सिंह नेगी विनोद नेगी अध्यक्ष रघुबीर नेगी सचिव कमला नेगी पंडित अतुल डिमरी अध्यक्ष महिला विकास समिति यादवेन्द्र नेगी कविता नेगी राकेश नेगी रामप्रसाद नेगी दर्वान नेगी हरीश नेगी रीता संतोषी किशन संजय प्रदीप प्रेम अंजू चन्द्रशेखर संजय एवं पुलिस प्रशासन चमोली, युवक मंगल दल देवग्राम,एन सी सी राजकीय इन्टर कालेज उर्गम कोबरा ग्रुप तथा महिला विकास समिति ग्रुप देवग्राम द्वारा भक्तों के लिए भंडारे का आयोजन किया गया।

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