ज्योर्तिमठ : अब यह धर्म यात्रा नही रही पहले धर्म यात्री और तपस्वी आते थे अब पर्यटक ज्यादा आ रहे हैं चारधाम यात्रा पर : स्वामी वासुदेवानन्द सरस्वती
संजय कुंवर
देश के चार प्रमुख मठों में एक ज्योतिषपीठ,ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि वर्तमान में ज्योतिषपीठ को लेकर अब कोई विवाद नहीं है, स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज के ब्रह्मलीन होने के बाद जो थोड़ा बहुत वैचारिक विवाद/मतभेद था वह भी अब समाप्त हो गया है। जो थोड़ा बहुत होगा भी वह माननीय सुप्रीम कोर्ट के खुलने के बाद निर्णय सामने आ जाएगा।
दरअसल शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानन्द सरस्वती जी महाराज श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के उपरान्त ज्योर्तिमठ स्थित प्राचीन गद्दी स्थल परिसर में आयोजित श्री राम कथा महायज्ञ के दौरान पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे।ज्योतिषपीठ पर दो अन्य संतो द्वारा भी स्वयं को शंकराचार्य के रूप में प्रचारित करने के सवाल पर भी शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज ने किसी को भी अपना उत्तराधिकारी नियुक्त नहीं किया है और महा मठानुशासन के अनुसार वे ऐसा कर भी नहीं सकते थे, अब कोई भी स्वयं को शंकराचार्य कह रहा है तो ये सनातनी समाज को भी देखना चाहिए। पीएम मोदी के तीसरी बार देश के प्रधान मंत्री पद की शपथ लेने को लेकर उन्होंने कहा की हम कभी किसी का विरोध नही करते हैं और नही बधाई देने जाते हैं, जो भी देश का संचालन करने के लिए प्रधान मंत्री बने सबको उनका आशीर्वाद है। वहीं जोशीमठ भू धंसाव आपदा पर शंकराचार्य ने स्पष्ट रूप से कहा कि जोशीमठ का विस्थापन व पुनर्वास नहीं होना चाहिए, अपितु इसको बचाने के लिए सुरक्षात्मक कार्य होने चाहिए इसके लिए वे उत्तराखंड एवं भारत सरकार से भी वार्ता करेंगे। देवभूमि उत्तराखंड में चल रही चारधाम यात्रा के तहत बढ़ती भीड़ और केदारनाथ में चल रहे थार वाहन प्रकरण पर प्रश्न पूछे जाने पर शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती जी ने कहा कि अब यह धर्म यात्रा नहीं रह गई है,पहले तपस्वी,धर्म यात्री आते थे चारधामों की तीर्थयात्रा पर अब ज्यादा पर्यटक आ रहे हैं, तीर्थयात्रा का भाव लेकर कम ही लोग आ रहे है यात्रा संचालन के लिए बकायदा अब पर्यटन विभाग बना हुआ है,पहले समय में कुछ नही था तीर्थ यात्रि हरिद्वार से पैदल चार धाम महज सतुआ चना की पोटली बांध कर महीनों की इस धर्म यात्रा पर निकल जाते थे अब सब बदल चुका है। इस विकृति के लिए हम और हमारा समाज जिम्मेदार हैं, उन्होंने कहा की धार्मिक स्थानों की यात्रा तपस्वी की भांति होनी चाहिए पर्यटक की तरह नहीं। अब यात्रा में तीर्थ का भाव नदारद हो चला है, भगवान श्री राम लला के दिव्य भव्य मंदिर की स्थापना के बाद भी अयोध्या सीट पर बीजेपी प्रत्याशी की हार होने के प्रश्न पर शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज जी ने कहा की अयोध्या में पार्टी की नही व्यक्ति की हार हुई है,जो व्यक्ति कभी राम लला के कार्य में शामिल नही हुआ उसे अयोध्या के जन मानस ने स्वीकार नही किया है। बस यही बात है।
ज्योतिर्मठ पीठ पुरोहित पंडित ऋषि प्रसाद सती के संचालन में हुई पत्रकार वार्ता के दौरान दंडी स्वामी शंकरानन्द सरस्वती महाराज, स्वामी अच्युत्यानन्द सरस्वती महाराज, आचार्य पंडित विपिन मिश्र, व समाजसेवी सुभाष डिमरी आदि मौजूद रहे।