आसमानी आफत से भारत – चीन सीमा को जोडने वाला जुम्मा पुल बहने के बाद बीआरओ द्वारा युद्धस्तर पर कार्य कर पैदल पुल बना कर आवाजाही कराई जा रही है, साथ ही वाहनों की आवाजाही के लिए अस्थाई व्यवस्था तैयार की जा रही है, संभव तह शनिवार तक जिस पर वाहनों की आवाजाही हो सकती है!
संजय कुंवर जुम्मा नीति
नीति घाटी में बरसी आसमानी आफत का सबसे अधिक नुकसान जुम्मा घाटी में हुआ है। यहां मलारी नीति हाईवे पर जो ब्रिज जुम्मा नाले के उफान में तबाह हुआ था। उस पर बीआरओ की टीम द्वारा विषम परिस्थितियों में जज्बे और कड़ी मशक्कत के बाद दिन रात कार्य करते हुए 40 फुट का पैदल पुल बनाया गया।
जिससे आज भी करीब 300 सेना तथा ITBP के जवानों और स्थानीय निवासियों ने आवाजाही की है। और आवश्यक रसद खाद्य आपूर्ति आरपार की है ये सिलसिला अभी भी जारी है।साथ ही ह्यूम पाईप भी डाल कर गाड़ियों के लिए रास्ता बनाने की कार्यवाही युद्धस्तर पर जारी है।सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हाई वे होने के कारण अभी रात में भी एप्रोच फिलिंग का काम जारी है। बीआरओ ऑफिशियल की माने तो कल एप्रोच को पूरा करके पाइप पर लेवल किया जायेगा। आशा है कि कल तक गाड़ियों के लिए ट्रैफिक सुचारू कर पाएंगे।