संजय कुंवर
ज्योतिर्मठ : उत्तराखंड संस्कृत अकादमी द्वारा आयोजित खण्डस्तरीय संस्कृत छात्र प्रतियोगिता विकास खंड ज्योतिर्मठ का उद्घाटन सीमांत क्षेत्र अनुश्रवण समिति के उपाध्यक्ष श्री चंडीप्रसाद भट्ट द्वारा मां सरस्वती के चित्र का अनावरण के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर वैदिक मंत्रों के साथ किया गया।
मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में संस्कृत के प्रचार-प्रसार में संस्कृत अकादमी की महत्वपूर्ण भूमिका की प्रशंसा की तथा संस्कृत को विश्व भाषा बताया और संस्कृत भारत की पहचान हैं, उन्होंने कहा कि संस्कृत के उन्नयन के लिए केंद्र और राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। सरकार उत्तराखण्ड के जिलों में संस्कृत ग्रामों की स्थापना करेगी जिसके माध्यम से वैदिक सनातन संस्कृति का प्रचार प्रसार होगा।
पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती ने संस्कृत भाषा शांति धर्म वैदिक पुराणों की भाषा है तथा संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार में संस्कृत विद्यालय तथा महाविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। कार्यकम को पूर्व प्राचार्य आचार्य रामदयाल मैंदुली ने वैदिक संस्कृति प्रसार के लिए संस्कृत भाषा को महत्वपूर्ण बताया। कार्यक्रम को श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्य श्री भास्कर डिमरी,
सामाजिक कार्यकर्ता नितिन व्यास, नितेश चौहान, मुकेश डिमरी ने भी सम्बोधित किया। आज वरिष्ठ वर्ग में 6 प्रतियोगिताएं सम्पन्न हुई, जिनमें विकासखण्ड के 8 विद्यालयों ने प्रतिभाग किया। जिसमें माध्यमिक स्तर तथा स्नातकोत्तर स्तर तक के छात्रों ने अपनी प्रस्तुति दी।