सिर मुंडाते ही ओले पड़ना वाली कहावत जोशीमठ के किसानों पर सटीक बैठ रही है। यहां सीमांत के किसानों को न मिला पीएम फसल बीमा का क्लेम और न हुई बर्फबारी, काश्तकारों की बड़ी दुश्वारियां
संजय कुंवर
उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में करीब डेढ़ दशक के लंबे अंतराल के बाद इस बार जनवरी माह में बारिश व बर्फबारी के आसार कम ही नजर आ रहे हैं, जिसके चलते सीमांत क्षेत्र जोशीमठ के सेब काश्तकारों को अपनी सेब की फसल की चिंता सताने लगी है। क्योंकि इन दिनों जहां सेब बागानों में बर्फबारी की खासी जरूरत पड़ती है और वहीं करीब 45 दिनों का चिल्ड टेंप्रेचर अच्छी सेब के पैदावार के लिए उत्तम माना जाता है। इसके उलट क्षेत्र के सेब बागानों में सूखा पड़ा हुआ है। यदि ऐसा ही सूखा कुछ दिन और बना रहा तो सेब की फसल का इस बार प्रभावित होना लाजिमी है।
बता दें की चमोली जिले में सेब उत्पादन में अग्रणी जोशीमठ क्षेत्र की सेब फल पट्टी सहित कृषि और साग सब्जी मण्डी के लिए प्रसिद्ध परसारी, मेरग,बड़ागांव के बागवान और किसान मौसम की बेरूखी के साथसाथ पीएम फसल बीमा योजना के तहत अबतक रवि की फसल की बीमित राशि का क्लेम किसानों के खाते में नही पहुंचने से दोहरी मार झेलने को मजबूर हैं। जबकि पूरे चमोली जनपद के सेब बागवानी,संतरा उत्पादन करने वाले अधिकतर किसानों का पीएम फसल बीमा योजना क्लेम उनके खाते में आ चुका है, लेकिन बैंक अकाउंट अपडेट रखने के बावजूद भी उनके खाते में फसल बीमा का क्लेम नही पहुंचना किसानों को जरूर खल रहा है। दूसरी ओर बीमा कंपनियों के अधिकारियों का साफ कहना है कि किसानों के बैंक अकाउंट अपडेट होना जरूरी है, आधार कार्ड के साथ बैंक खाता लिंक होने पर ही किसानों को बीमित राशि का लाभ मिल सकता है। फिलहाल कम्पनी द्वारा किसानों को उनके नजदीकी बैंक में जाकर आधार कार्ड से लिंक खाता अपडेट कराने की सलाह दी जा रही है। जिसके बाद किसानों के खाते में फसल बीमा की राशि आ जायेगी। वहीं सेब काश्तकार नवनीत सिलोड़ी, ऋषि प्रसाद सती,भक्त दर्शन,शरद चंद, जगदीश सिंह,कमला देवी, विशन सिंह, हुक्म सिंह,माधो सिंह आदि का कहना है कि उनके सभी खाते अप टू डेट हैं लेकिन फसल बीमा योजना के क्लेम की धनराशि आखिर उनके खाते में कैसे नहीं पहुंच पा रही ये समझ से परे है ? बड़ा सवाल ये उठ रहा है की सब कुछ अपडेट होने पर भी किसानों की ये फसल बीमा राशि आखिर कहां अदृश्य होकर अटकी हुई है ? फिलहाल जोशीमठ क्षेत्र का काश्तकार एक तरफ मौसम की बेरूखी तो दूसरी तरफ पीएम फसल बीमा योजना के क्लेम का लाभ नही मिलने से दोहरी मार झेलने को मजबूर हैं।