जोशीमठ : एनटीपीसी की भूमिगत सुरंग से जोशीमठ भूधंसाव प्रकरण को जोड़ा जाना सरासर गलत : एनटीपीसी प्रबंधन

Team PahadRaftar

संजय कुंवर

जोशीमठ : एनटीपीसी का मीडिया के साथ संवाद, सुरंग निर्माण देश के लिए अभिशाप नहीं होता, तपोवन विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना निर्माण कार्य बन्द होने से अबतक 5 सौ करोड़ का नुक़सान:एनटीपीसी प्रबंधन।

 

जोशीमठ भूधंसाव आपदा के 3 माह से अधिक का समय बीतने के बाद क्षेत्र में कार्यरत निर्माणाधीन तपोवन विष्णुगाड़ हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट कम्पनी की कार्यदाई संस्था एनटीपीसी प्रबंधन ने अपने जोशीमठ टाउनशिप कार्यालय में आयोजित “मीडिया से संवाद”कार्यक्रम के तहत प्रेस वार्ता में जोशीमठ भू धंसाव पर अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए बताया कि एनटीपीसी का कार्य विगत 5 जनवरी से ठप्प पड़ा है। जिसके चलते एनटीपीसी को भारी नुक़सान हुआ है, एनटीपीसी की भूमिगत सुरंग से जोशीमठ भू धंसाव प्रकरण को जोड़ा जाना सरासर गलत है। टनल से नहीं हुआ है जोशीमठ नगर को कोई नुकसान। भू धंसाव की जांच कर रही राष्ट्रीय एजेंसियों ने भी अबतक जांच रिपोर्ट में एनटीपीसी का नाम नहीं जोड़ा है। इस भू धंसाव से,सुरंग निर्माण देश के लिए अभिशाप नहीं होता है, इसके दूरगामी लाभ होते है,लिहाजा राष्ट्र हित के लिए जल्द परियोजना का कार्य शुरू होना जरूरी है। 6 साल की परियोजना को प्राकृतिक कारणों के चलते 15 साल से ऊपर लग गए हैं। रन ऑफ रिवर पर आधारित इस जल विद्युत परियोजना को जोशीमठ भू धंसाव के चलते कार्य बन्द होने पर हम एक साल और पीछे हो गए हैं। परियोजना पूरी होने पर क्षेत्र को करीब 12% बिजली मिलेगी मुफ्त,सुरंग का बनना कोई अभिशाप नहीं है। परियोजनाओं से शुरुआत में असुविधा होती है लेकिन नुकसान नहीं उसका समाधान हो जाता है। हमारा भी प्रयास रहेगा कि किसी भी तरह की असुविधा का समय रहते समाधान हो सके। एनटीपीसी की इसी परियोजना के तपोवन बैराज स्थल के कारण ही वर्ष 2021 की ऋषि गंगा जल आपदा का 12 मीटर का ऊंचा तेज बहाव रुका। जिससे जोशीमठ से आगे नदी किनारे होने वाला भारी नुकसान थमा है। एनटीपीसी प्रोजेक्ट के एजीएम जियोलॉजी मुकेश कुमार ने बताया कि कतिपय लोगों ने क्षेत्र में भ्रांतियां फैलाई है कि एनटीपीसी ने भूमिगत टनलों का जाल फैलाया है जो सरासर गलत है। टीबीएम से टनल निर्माण हो रहा है और कोई ब्लास्ट भी नहीं हो रहा है यही नहीं टनल वर्ष 2012 में ही जोशीमठ से 4 किलोमीटर आगे परसारी के पास पहुंच गई है। ऐसे में इस टर्नल का पानी रिसाव होकर जोशीमठ नगर में पहुंचना निरर्थक है। सेलंग टनल साईट के पानी और जोशीमठ भू धंसाव क्षेत्र में रिस रहे पानी का वाटर सिग्नेचर भी अलग अलग पाए गए हैं। जोशीमठ भू धंसाव को रोकने के लिए नगर के निचले क्षेत्र में टो प्रोटेक्शन वर्क होना जरूरी है,
मीडिया के साथ संवाद कार्यक्रम में एनटीपीसी जोशीमठ के GGM आर०पी० अहिरवार ने परियोजना का कार्य शीघ्र शुरू कराने की मांग करते हुए क्या कुछ कहा आइए सुनते हैं।
1, टनल बनाना कोई अभिशाप नहीं,हाइड्रो प्रोजेक्ट से असुविधा होगी पर नुक़सान नहीं,
2 एनटीपीसी की निर्माणाधीन टनल से जोशीमठ भू धंसाव का कोई सम्बन्ध नहीं है।
3, जोशीमठ भू धंसाव को NTPC से जोड़ दिया गया है।
4, जोशीमठ भू धंसाव के चलते एनटीपीसी का कार्य 97 दिनों से है ठप।
5, अप्रत्याशित रूप से एनटीपीसी को हुआ है बड़ा नुकसान,
6- 520 मेगावाट की इस निर्माणाधीन तपोवन विष्णु प्रयाग हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का 75 प्रतिशत कार्य हुआ पूरा।
7, एनटीपीसी की इस जल विद्युत परियोजना पर अबतक 6 हजार करोड़ रुपए हुए खर्च,
8 -जोशीमठ भू धंसाव के चलते एनटीपीसी का काम बंद होने से अबतक एनटीपीसी कम्पनी को हुआ 5 सौ करोड़ से अधिक का नुक़सान
9 – भ्रांतियां फैलाई गई कि एनटीपीसी की भूमिगत टनल में बिछा है टनलों का जाल
10,, एनटीपीसी कम्पनी का कार्य बन्द होने से करीब 1000 वर्करों पर मंडराया रोजी रोटी का संकट।

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