जोशीमठ : फूलों की घाटी में जापानी पर्यटक हिमालई ब्लू पॉपी को देख हुए अभिभूत – ग्राउंड जीरो से संजय कुंवर की खास रिपोर्ट

Team PahadRaftar

विश्व धरोहर फूलों की घाटी में आजकल पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने से घाटी में बनी है रौनक, 78 विदेशी सहित अबतक पहुंचे कुल 6309 पर्यटक घाटी के दीदार के लिए 

ग्राउंड जीरो से संजय कुंवर की रिपोर्ट 

उत्तराखंड चमोली जिले की उच्च हिमालई भ्यूंडार वैली में स्थित विश्व धरोहर स्थल फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क में इन दिनों खिले रंग बिरंगे अल्पाइन हिमालई पुष्प सैलानियों और प्रकृति प्रेमियों को खूब आकर्षित कर रहे हैं। आजकल फूलों की इस खूबसूरत प्राकृतिक घाटी का प्राकृतिक सौन्दर्य चरम पर है। हालांकि घाटी में पुष्पों की क्यारियां पहले से कम नजर आ रही है, बावजूद इसके अगर बारीकी से देखें तो करीब 45 से 50 प्रजाति के पुष्प पर्यटक इस 4 किलोमीटर के ट्रैक में आराम से देख सकते हैं।

जैव विविधता और अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के लिए प्रसिद्ध इस नंदन कानन में आजकल पर्यटकों की आमद बढ़ गई है। पूरी घाटी में मौसम पल पल में रंग बदल रहा है यहां प्रकृति प्रेमी कोहरे से ढके पुष्प वाटिकाओं को निहारने के साथ-साथ जमकर पुष्पों के साथ फोटो ग्राफी, सेल्फी और रील बनाकर घाटी में जमकर लुत्फ उठाते नजर आ रहे हैं, 8 सदस्यीय जापानी पर्यटक दल के साथ वैली ऑफ फ्लावर्स ट्रैक कर घांघरिया पहुंचे पहाड़ रफ्तार समाचार के वरिष्ठ पत्रकार संजय कुंवर ने घांघरिया से दूरभाष से बताया कि बामन धौड़ से आगे रिवर प्वाइंट तक बीच बीच में घाटी गुलाबी रंग में रंगी नजर आ रही है।

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उनका जापानी पर्यटक दल घाटी का दीदार कर सकुशल घांघरिया लौट आया है। कहा की दल के सभी सदस्य जापान देश के सीनियर सिटीजन है, लिहाजा उनके आतिथ्य सत्कार में कोई कमी नही रखी जा रही है। जापानी पर्यटक घाटी में खासकर हिमालई ब्लू पॉपी को देख कर काफी खुश नजर आए है। आज बृहस्पतिवार को जहां घाटी में एक जापानी पर्यटक दल सहित कुल 144 पर्यटक पहुंचे है वहीं 01 जून 2024 से अभी तक करीब 6309 पर्यटक फूलों की घाटी का दीदार कर चुके हैं। इसमें 78 विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं।

बता दें कि फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क 31 अक्टूबर,2024 तक पर्यटकों के लिए खुली रहती है। वहीं वैली का पार्क प्रशासन भी खुलकर घाटी आने वाले पर्यटकों की सेफ्टी से लेकर भूस्खलन जॉन और नालों के आसपास मुस्तैदी के साथ खड़े रहकर पर्यटकों को सहायता प्रदान कर रहे हैं और घाटी की स्वच्छता के प्रति सभी पर्यटकों को जागरूक करते हुए प्लास्टिक कूड़ा कचरा के प्रति सजग हैं।

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