
ज्योतिर्मठ : जनवरी फरवरी माह की बर्फबारी सीमांत के सेब बागानों को संजीवनी, चिलिंग पीरियड भी पूरा,अच्छी फ्लावरिंग की उम्मीद जगी
संजय कुंवर, जोशीमठ
उत्तराखंड के चमोली जनपद का सीमांत प्रखंड ज्योतिर्मठ का ऊपरी इलाका सेब फल पट्टी के रूप में जाना जाता है, यहां के सुनील, परसारी, औली, मनोटी, गोंख, ओचा,लामरी, मेरग,बड़ागांव, तुगासी,रेगड़ी, सुभाई, झेलम,मलारी, कैलाश पुर, सहित सलुड, डूंगरा, सन वेली,कल्प घाटी, के अधिकतर परिवार का आर्थिकी का साधन ही सेब बांगवानी है। इस बार जनवरी फरवरी माह में सेब बागानों के प्रसूप्त अवस्था में जाने ओर अच्छी बर्फबारी होने से क्षेत्र के प्रगति शील काश्तकारों के सेब बागानों को संजीवनी मिली है, अच्छा हिमपात होने से सेब के पौधो की उम्र भी बढ़ती है, चिलिंग आवर्स पूरे होंगे साथ ही सेब के बगीचे भी रोग मुक्त होंगे, जानकारों की माने तो चिलिंग आवर्स पूरे होने पर सेब की फ्लावरिंग भी अच्छी होगी, दरअसल सेब के बागानों में पेड़ों के लिए चिलिंग आवर्स के लिए न्यूनतम तापमान 7डिग्री या इससे कम होना जरूरी होता है, जो इस बार सीमांत क्षेत्र जोशीमठ के सेब बागानों में पूरा होता नजर आ रहा है।
बता दें कि सर्दी में सेब के पौधो में पोषक तत्वों और अन्य खनिज लवण तनों से नीचे उतर कर जड़ों में आ जाते है, लिहाजा शीतकाल में जितना कम चिल्ड तापमान होगा उतना ज्यादा पोशक तत्त्व मार्च अप्रैल माह में गर्मी के शुरू होने पर एक बार फिर से पौधो में फैलना शुरू करते है,और सेब के पेड़ो में अच्छी फ्लावरिंग होगी और फ्रूट सेटिंग होगी, जिससे सेब की अच्छी फसल की उम्मीद भी बढ़ेगी, लिहाजा अब सीमांत का सेब काश्तकार अपने अपने बागानों में स्प्रे दवा छिड़काव से लेकर अन्य पेंडिंग वर्क करने में जुटा हुआ है।