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जोशीमठ : मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना से लाभाविंत हो रहे सीमांत के काश्तकार।
उघान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उत्तराखंड द्वारा वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना की शुरुआत की गयी। इस योजना का लक्ष्य औद्यानिक फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ावा देना है। योजना के अंतर्गत विभाग फल पौध, सब्जी बीज, मसाला बीज, फूलों के बीज पर 50% की देय राज सहायता देती है। यह योजना खास कर सीमांत क्षेत्र ज्योतिर्मठ के उन्नत शील काश्तकारों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है, उद्यान विभाग ज्योतिर्मठ के ज्येष्ठ उद्यान निरीक्षक सोमेश भंडारी ने बताया कि मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजनान्तर्गत 50% राज सहायता पर सीमांत क्षेत्र ज्योतिर्मठ के काश्तकारों को विभाग द्वारा इन दिनों फल पौध का वितरण बृहद स्तर पर किया जा रहा है, जिसमे कीवी फल से लेकर क्लोनल रूट स्टोक प्रजाति के सेब के फल पौध, पल्म,आडू,अखरोट,नाशपाती, आदि के फल दाई पौधों के अलावा उन्नत किस्म के शाक सब्जी के बीज भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। क्षेत्र में इन दिनों बर्फबारी और बारिश होने से जहां काश्तकारों द्वारा आजकल बड़ी तादाद में सेब फल पौध रोपण कार्य किया जा रहा है, उद्यान विभाग ज्योतिर्मठ में विभिन्न प्रजातियों के फलदाई पौधो को राज सहायता में क्षेत्र के काश्तकारों को उपलब्ध कराया जा रहा है। जिसके चलते विभाग में सुबह से ही काश्तकारों की भीड़ साफ नजर आ रही है, उद्यान विभाग के वरिष्ट निरीक्षक सोमेश भंडारी ने बताया कि सेब फल पट्टी ज्योतिर्मठ के सेब बागवानों के हित को देखते हुए इस बार किंग रोट,जेरोमाएट, स्कारलेट सुपर, सिनको गामा सहित अन्य सभी क्वालिटी के सेब फल पौध उपलब्ध कराई गई है,उन्होंने बताया की इसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों के लिए निःशुल्क फल पौध वितरण का कार्यक्रम भी विभाग द्वारा चलाया जाना है।