जोशीमठ : उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही सीमांत में संपन्न हुआ छठ पूजा पर्व
संजय कुंवर जोशीमठ की छठ पूजा पर्व पर खास रिपोर्ट
सीमांत जोशीमठ नगर में अपनी आजीविका चला रहे बिहार और उत्तर प्रदेश के सैकड़ों प्रवासी स्वर्णकारों,राज मिस्त्री परिवारों सहित अन्य ध्याड़ी मजदूरी करने वाले लोगों ने बड़े हर्षोल्लास के साथ लोक आस्था का पर्व छठ पूजा मनाया।
गांधी मैदान में संपन्न हुए इस पूजन कार्यक्रम में उदयीमान सूर्य देवता की उपासना के साथ ही सीमांत नगर जोशीमठ में चार दिवसीय छठ महापर्व संपन्न हो गया. जोशीमठ नगर में बड़ी संख्या में व्रतियों और श्रद्धालुओं ने सूर्यदेव को अर्घ्य दिया और छठी मैया से अपनी मनोकामना पूर्ण करने की मन्नत भी मांगी। व्रतियों व उनके स्वजनो ने भी भगवान भास्कर से समाज व देश के हित की कामना की।
नहाय-खाय से शुरू हुआ यह चार दिवसीय पर्व सुबह के अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया। व्रतियों ने 36 घंटे के निर्जला व्रत के बाद छठ पर्व पर सूर्यदेव और उनकी बहन छठी मैया की उपासना का बहुत महत्व है। छठ का व्रत काफी कठिन माना जाता है। 36 घंटे निर्जला व्रत रखने के बाद उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ यह पूर्ण हो जाता है। यह कठिन व्रत परिवार की सुख-समृद्धि और संतान की लंबी आयु के लिए रखा जाता है।सोमवार तड़के 4 बजे से ही व्रतियों ने गांधी मैदान पहुंचकर सूर्य देवता और छठी मैया की उपासना शुरू कर दी थी। इसके बाद सूर्योदय होते ही अर्घ्य देने का सिलसिला शुरू हो गया। जोशीमठ के गांधी मैदान में छठ पूजा की अद्भुत छटा दिखी। लोक आस्था के इस महापर्व पर सीमांत नगर जोशीमठ में पूर्वी समाज की आस्था का सैलाब उमड़ा नजर आया।