जान जोखिम में डालकर स्यूंण – लुदांऊ के छात्र पहुंच रहे विद्यालय – वीडियो में देखें

Team PahadRaftar

चमोली जिले में भारी बारिश होने से बदरीनाथ नेशनल हाईवे के साथ ही दर्जनों ग्रामीण मोटर मार्ग भूस्खलन होने से बाधित हुए हैं। जिससे तीर्थयात्रियों के साथ ही स्थानीय लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। हाईवे तो प्रशासन द्वारा खोल दिए जा रहे हैं। लेकिन कही ग्रामीण सड़क अब भी बंद पड़े हुए हैं। जहां पर स्थानीय लोगों के साथ ही स्कूली छात्रों को भी जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है।

 

चमोली जिले के दशोली ब्लाक के अंतिम ग्राम पंचायत स्यूंण के ग्रामीण लुदांऊ गदेरे में उफ़ान आने से लकड़ी के पुल से जान जोखिम में डालकर आवाजाही को मजबूर हैं। स्यूंण – लुदाऊं के स्कूली छात्र – छात्राएं भी इसी जर्जर लकड़ी के पुल से आठ किमी दूर बेमरू स्कूल पहुंच रहे हैं। अभिभावक हर दिन अपने नौनिहालों को विद्यालय भेजने और लाने के लिए लुदांऊ गदेरे पहुंच रहे हैं। ऐसा नहीं कि यह पहली बार हो रहा है। हर वर्ष बारिश सीजन में स्यूंण – लुदांऊ के ग्रामीणों व स्कूली छात्रों को इसी समस्या से जूझना पड़ता है। ग्रामीण अरूण राणा ने बताया कि पूर्व में पीएमजीएसवाई द्वारा पुल का टेंडर किया गया है। लेकिन एक वर्ष बाद भी पुल को बनाने कार्य शुरू नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को भारी बारिश में गदेरा बढ़ने पर अपने मूलभूत सुविधाओं के साथ नौनिहालों को सुरक्षित विद्यालय भेजने की चिंतासता रही है।  कहा कि एक माह पूर्व ही गांव की एक लड़की घास लेते समय लड़की का पुल टूटने से मैनागाड नदी में बह गई थी। जिसका आज तक बहुत ढूंढ खोज के बाद भी कोई पता नहीं चला है। उन्होंने कहा कि लुदांऊ गदेरे पर भी समय रहते कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए तो यहां पर भी बड़ी अनहोनी की आशंका बनी है!

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