संजय कुँवर,ईराणी/चमोली
कहते हैं पहाड़ों में रहने वाले लोगों की जिंदगी भी पहाड़ों जैसी विकट और मजबूत होती है, तभी तो यहाँ लोग भारी बर्फबारी में भी अपनी दिनचर्या को कैसे बखूबी निभा रहे हैं चमोली जिले के एतिहासिक लॉर्ड कर्ज़न ट्रैक रूट पर बसे और बर्फ से लकदक् दूरस्थ गाँव पाणा,ईराणी,क्षेत्र की तस्वीरें हैं यहाँ ईराणी गाँव में जबरदस्त बर्फबारी होने से ग्रामीण जन-जीवन काफी प्रभावित हुआ है।
गाँव की आजीविका का साधन ही कृषि और पशुपालन होने के चलते गाँव के लोगों को बर्फबारी में भी गाँव में विषम हालातों में ही अपने सभी दैनिक कार्य पूरे करने होते हैं। बर्फबारी होने से ईराणी गाँव के ग्रामीणों को अपने पशुधनों के लिए घास चारा पत्ती सहित आवाजाही करने में परेशानी हो रही है। हिमपात होने से जंगल सहित गौशाला और गोपेश्वर मुख्यालय जाने वाले मार्ग पर भी चलने में दिक्कते आ रही हैैं। इराणी के प्रधान मोहन नेगी ने कहा कि इस बार मौसम सीजन की दो से तीन बार गांव में बर्फबारी हुई है। इससे जनजीवन अस्त-व्यस्त तो हुआ है। लेकिन किसानों के लिए यह लाभकारी हुई है। बर्फबारी से खेतों में फसलों को नुक्सान पहुंचाने वाले कीटाणु भी खत्म हो जाते हैं। और बर्फ गेंहू की खेती के लिए वरदान साबित होती है।