ऊखीमठ। तुंगनाथ धाम में लंबे समय से साधनारत महंत मुकेशगिरी (किड़िकबम बाबा) गुरुवार को ब्रह्मलीन हुए। बीमारी के चलते जौलीग्रांट हॉस्पिटल में उन्होंने अंतिम सांस ली। महंत मुकेशगिरी लगभग 33 वर्षों से बाबा तुंगनाथ की सेवा में समर्पित थे। ये ग्रीष्मकाल में छह माह तुंगनाथ धाम में और शीतकाल में छह माह मक्कू में स्थित प्राचीन शिव मंदिर जुंकाणी महादेव में साधना करते थे। ये पूरे क्षेत्र में कीड़िकबम बाबा के नाम से जाने जाते थे। महंत मुकेशगिरी बीमारी के चलते पिछले दो महीने से जौलीग्रांट हॉस्पिटल में भर्ती थे।
गुरुवार को ब्रह्मलीन होने के बाद हरिद्वार स्थित चंडी घाट पर इन्हें समाधि दी गयी। मक्कूमठ के ग्राम प्रधान विजयपाल सिंह नेगी ने बताया कि महंत जब 15 वर्ष की उम्र के थे तो तब से तुंगनाथ धाम में महादेव की सेवा साधना में समर्पित थे। उनकी तपस्या का ही फल था कि तुंगनाथ धाम की बर्फीली हवाओं व अत्यधिक ठंड के बीच कीड़िकबम बाबा तपस्यारत रहते थे। उन्होंने बताया कि बाबा के साथ सेवारत अखाड़े के राकेश गिरी को उनके द्वारा अपना उत्तराधिकारी घोषित किया गया था। महंत के निधन पर केदारनाथ विधायक मनोज रावत,पूर्व विधायक श्रीमती शैलारानी रावत,आशा नौटियाल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चण्डी प्रसाद भटट्, क्षेत्र पंचायत प्रमुख श्वैता पाण्डेय, कनिष्ठ प्रमुख शेलेन्द्र कोटवाल,मठापति रामप्रसाद मैठाणी,जिपंस रीना बिष्ट,कुशाल सिंह नेगी,क्षेपंस जयवीर नेगी ,प्रधान अरविंद रावत, योगेंद्र सिंह नेगी,देवानन्द गैरोला,धीर सिंह नेगी,भूधरमणि नौटियाल,सुरेशानंद सेमवाल,मदन सिंह राणा,देवेंद्र सिंह रावत,आशीष नौटियाल, प्रधान संगठन ब्लॉक अध्यक्ष सुभाष रावत, संरक्षक सन्दीप पुष्वाण, मीडिया प्रभारी योगेन्द्र नेगी,प्रबन्धक प्रकाश पुरोहित, चन्द्र सिंह नेगी, विनोद बिष्ट,अनिल जिरवाण, कुवर सिंह नेगी,भूपेन्द्र मैठाणी , सतीश मैठाणी, मोहन मैठाणी सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों, व तुंगनाथ घाटी के ग्रामीणों ने शोक संवेदना व्यक्त की है।