राष्ट्रीय बेटी दिवस : लाखों मन्नत में एक कबूल मन्नत बेटी होती है भार नहीं बल्कि जीवन का आधार होती है

Team PahadRaftar

रविवार को कलम क्रांति साहित्यिक मंच की ओर से शिवालिक एकेडमी के सभागार में राष्ट्रीय बेटी दिवस के अवसर पर तथा हिन्दी पखवाड़े के समापन पर काव्य पाठ का आयोजन किया गया। दोनों ही मुख्य विषयों पर विभिन्न माध्यमों से विचार रखे गये। कार्यक्रम का शुभारंभ शिवालिक एकेडमी की प्रधानाचार्य श्रीमती मुदिता रावत , प्रबंधक श्री विनोद चन्द्र तथा तीलू रौतेली पुरुस्कार से सम्मानित कवयित्री शशि देवली ने दीप प्रज्वलित कर किया। काव्य पाठ में विभिन्न कवियों ने अपनी कविता प्रस्तुत की जिसमें श्रुति तिवारी की ” लाखों मन्नत में एक कबूल मन्नत बेटी होती है भार नहीं बल्कि जीवन का आधार होती है” रचना को खूब सराहा गया। कवयित्री विनीता भट्ट ने “जन – जन की भाषा है हिन्दी हिन्द का अभिमान है’ रचना सुनाकर लोगों की वाहवाही बटोरी।कलम क्रांति साहित्यिक मंच की संस्थापिका शशि देवली ने हिन्दी साहित्य तथा रचनाशीलता पर अपने विचार प्रस्तुत किए तथा अपनी रचना “बुलंद हौसलों की आग में अब धूल चटा रही हैं बेटियां।

देश की रक्षा की खातिर अब बन्दूक चला रही है बेटियां” रचना प्रस्तुत की।शैलेश मटियानी पुरुस्कार से सम्मानित श्री विनोद चन्द्र जी ने बच्चों के चंहुमुखी विकास तथा शैक्षणिक क्रियाशीलता के द्वारा नव सृजन की बात की। कार्यक्रम में उपस्थित श्री कैलाश पंत जी ने अपने उद्बोधन में हिन्दी की प्रांसगिकता तथा विकास एवं बेटी पढ़ाओ योजना पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अंत में हिन्दी पखवाड़े के तहत सम्पन्न कराए गए विभिन्न प्रतियोगिताओं जैसे निबंध लेखन, स्लोगन, कव्यपाठ तथा कविता रचना में स्थान प्राप्त छात्रों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में ज्योति, सौम्या, सुनील बिष्ट, विजय कुमार ,सोनू असवाल, नीलम, सरोजिनी सेमवाल,उत्कर्ष, मदीहा, सृष्टि, शालिनी, कृतिका, वैष्णवी , खुशी, प्रियंका आदि उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन श्रीमती दीना नाजर ने किया।

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