अलकनंदा घाटी के गांवों में उद्यान विभाग की बदरी एप्पल योजना से मिलेगा स्वरोजगार – पहाड़ रफ्तार

Team PahadRaftar

संजय कुंवर

बदरीनाथ : अलकनन्दा घाटी से सटे गांवों में उद्यान विभाग की खास पहल, बदरी एप्पल योजना बागवानी विकास में संजीवनी साबित होगी।

उत्तर पूर्व हिमालई राज्यों में बागवानी मिशन के तहत चल रही HMNEH बागवानी विकास योजना “बदरी एप्पल”के नाम से उद्यान विभाग जोशीमठ के मार्गदर्शन में चलाई जा रही सेब बागवानी विकास के लिए एक कारगर क्रांतिकारी योजना मानी जा रही है। जो आने वाले दो तीन वर्षों में बदरीनाथ क्षेत्र के निचले इलाकों से सटे गांवों में नए सेब काश्तकारों की आजीविका संवर्धन और स्वरोजगार के लिए संजीवनी साबित होगी। उद्यान सचल दल जोशीमठ के वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक सोमेश भंडारी की देखरेख में “बदरी एप्पल” योजना अलकनन्दा घाटी में परवान चढ़ रही है। किसान अब उत्सुकता से बदरी एप्पल योजना के तहत अपने अपने खाली पड़ी जमीन पर नए सेब बागान विकसित कर सेब बागवानी से जुड़ रहे हैं। उद्यान विभाग की इस योजना से क्षेत्र के किसानों में भारी उत्साह देखा जा रहा है।
वहीं उघान विभाग द्वारा बदरी एप्पल कार्यक्रम के तहत ग्राम थैंग, पाण्डुकेश्वर,पुलना, लामबगड़ में चयनित उन्नतशील जागरूक काश्तकारों को सेब के कलमी फल पौध वितरित किए। जिनका रोपण कार्य भी युद्धस्तर पर प्रारंभ हो गया है।

दरअसल सीमांत क्षेत्र जोशीमठ के बदरीनाथ से सटे निचले इलाकों के गांवों में लाम बगड़ घाटी,अरूडी,पांडुकेश्वर, बड़ागांव,मेरग क्षेत्र में उन्नतशील किसानों को प्रदेश सरकार के उद्यान विभाग की जागरूक पहल पर नये सेब बागानों के विकास हेतु शत प्रतिशत अनुदान के तहत उन्नत किस्म के सेब पौध वितरण किया जा रहा है। साथ ही उद्यान सचल दल के उद्यान एक्स्पर्ट और माली के द्वारा मार्गदर्शन कर किसानों को पौधरोपण सहित गड्ढा खोदने से लेकर 3 सालों तक नए पेड़ों की उचित रख रखाव, कटाई छंटाई,दवा छिड़काव,कीटनाशक छिड़काव,घेर बाड़ हेतु विभाग की ओर से जानकारी वैज्ञानिक टिप्स,सहायता,देकर बेहतर तरीके से बागवानी के लिए प्रेरित किया जा रहा है। पांडुकेश्वर के काश्तकार सरजीत भंडारी का कहना है कि उन्होंने भी बदरी एप्पल योजना के तहत उद्यान विभाग के सहयोग से सेब फल पौध रोपण किया है, आने वाले कुछ साल बाद हम अपने गांव के नजदीक ही अपने बागानों के इन पेड़ों से उत्तम किस्म के सेब की मिठास का जायका ले सकेंगे।
अगर इसी तरह से इन सेब के पौधों की देखरेख होगी तो आने वाले तीन चार सालों के बाद बदरीनाथ धाम से सटे लामबगड़ घाटी,पांडुकेश्वर क्षेत्र में “बदरी एप्पल”योजना के तहत लगाए गए पेड़ों के नए सेब बागानों में उन्नत किस्म की सेबों से लकदक सेब की पैदावार देखने को मिलेगी। जिससे पलायन भी रुकेगा और अलक नन्दा धौली व गंगा घाटी के मध्यम वर्गीय परिवारों के सेब बागवानों की आर्थिकी और आजीविका भी बढ़ेगी।

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