एकता और भाईचारे का प्रतीक होली का त्यौहार इस वर्ष 29 मनाया जाएगा। इस वर्ष खास बात यह है कि इस दिन ध्रुव योग भी बन रहा है,जो 499 साल बाद पड़ रहा है।होलाष्टक 22मार्च से ही प्रारम्भ हो गया है और 28 मार्च तक चटख रंगों के साथ यह समाप्त होगा।
28 मार्च को रात्रि 6:30 से 8:30 बजे तक का समय होलिका दहन हेतु शुभ है।इस बार भद्रा योग बाधा नहीं बनेगा। हिन्दुओं के लिए होली का पौराणिक महत्व है।इस त्यौहार को लेकर सबसे प्रचलित है प्रह्लाद, होलिका और हिरण्य कश्यप की कहानी।
भगवान गोपीनाथ जी की पावन भूमि गोपेश्वर होली के पर्व के लिए काफी चर्चित है। क्योंकि गोपीनाथ जी की पौराणिक प्रचलित कथा के अनुसार सीधा सम्बंध भगवान श्रीकृष्ण से है। जब शिव शंकर ने गोपी का रूप धारण कर के यहां कान्हा के संग रासलीला रचाई थी। तब चारों ओर प्रेम और रंगों से सराबोर वातावरण हो गया था। इसलिए प्रत्येक वर्ष गोपेश्वर में होली के पर्व का उत्साह देखते ही बनता है।श्रद्धा और सौहार्द दिल में लिए प्रफुल्लित होली की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं हैं।
(कोरोना महामारी के चलते सभी लोगों से निवेदन भी है कि सुरक्षित रहने के नियमों को ध्यान में रखते हुए ही होली का आनन्द उत्सव मनाए)
शशि देवली (कवियत्री)
(संस्थापिका कलम क्रांति साहित्यिक मंच)
(अध्यक्ष अखिल भारतीय साहित्य परिषद् )
गोपेश्वर चमोली उत्तराखण्ड