पहली बार दूरस्थ किमाणा गांव में पहुंची कोई मेडिकल टीम, 150 से अधिक ग्रामीणों का हुआ इलाज।
जान हथेली पर रखकर गुरूवार को किमाणा पहुंची मेडिकल टीम
ऊर्गम घाटी के किमाणा, पल्ला, जखोला के ग्रामीणों के ग्रामीणों का किया गया स्वास्थ्य परीक्षण।
कोरोना काल में दूरस्थ गांव के ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रहा है विवेकानंद अस्पताल के स्वास्थ्य शिविर।
ग्रामीणों को दवाइयां के साथ-साथ कोरोना से बचाव की जानकारियां भी दी जा रही हैं।
मास्क, सोशल डिस्टेंस का हुआ पालन
पीपलकोटी में संचालित स्वामी विवेकानंद चिकित्सालय इन दिनों लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है। चिकित्सालय द्वारा जनपद के दूरस्थ गांवों में स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाये जा रहे हैं ताकि लोगों को कोई परेशानी न हो। गुरूवार को विवेकानंद चिकित्सालय द्वारा जोशीमठ ब्लाॅक के ऊर्गम घाटी के दूरस्थ किमाणा गांव में ग्राम प्रधान के अनुरोध पर स्वास्थ्य शिविर लगाया गया। उक्त शिविर में ऊर्गम घाटी के अति दूरस्थ गांव किमाणा, पल्ला, जखोला के 150 से अधिक ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें दवाईया भी वितरित की गई। शिविर में मरीजों का ईसीजी, शुगर जांच, खून जांच, ब्रांड प्रेशर की जांच, ऑक्सीजन मात्रा की जांच नेबुलाइजर की सुविधा, टेम्परचेंर की जांच सहित अन्य सुविधाएं दी गई। सड़क से 12 किमी की दूरी पर स्थित होने से गांव में कई मरीज ऐसे थे जो कई महीनों से घर पर ही थे। स्वास्थ्य शिविर में ऐसे कई मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें दवाईया दी गई।
ग्राम प्रधान किमाणा मुकेश सेमवाल ने विवेकानंद अस्पताल के डाॅक्टर व अन्य पैरामेडिकल स्टाफ का स्वागत व धन्यवाद किया की आजादी के बाद पहली बार गांव में लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु कोई शिविर लगा। ग्राम प्रधान पल्ला- जखोला विमला देवी, सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश नेगी, भगत सिंह झिंक्वाण, पुष्कर सिंह सहित अन्य ग्रामीणों ने कहा की आज भी दुर्गम गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल बनी हुई हैं। सरकार को भी चाहिए की वो दुर्गम गांवों में लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु मोबाइल टीम गठित करके स्वास्थ्य शिविर लगाएं।
स्वास्थ्य शिविर में डाॅक्टर दीक्षा ने मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। वहीं फार्मासिस्ट ताजबर सती, नर्सिंग स्टाॅप सरिता, मेडिकल स्टाफ जयदीप, सुखदेव और शिविर में रजिस्ट्रेशन आदित्य शाह नें किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ज़िला धर्म जागरण प्रमुख कुलबीर बिष्ट ने कहा की स्वामी विवेकानंद चिकित्सालय का उद्देश्य है कि गांव के अंतिम व्यक्ति को भी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रास्ता खराब होने के कारण मेडिकल टीम को यहाँ पहुँचने में भारी परेशानी हुई फिर भी वे इस दुर्गम गांव तक पहुंचे। मेडिकल टीम जान हथेली पर रखकर यहाँ तक पहुंचे।
विवेकानंद चिकित्सालय के प्रबंधक रोहन और बंड विकास संगठन के पूर्व अध्यक्ष अतुल शाह ने कहा कि जोशीमठ ब्लाॅक के इस दुर्गम गांव में पहली बार कोई स्वास्थ्य शिविर लगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य शिविर में दवाईयों के साथ – साथ समस्त ग्रामीणों को कोरोना से बचाव की जानकारियां भी दी गई और लोगों को मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंस बनाये रखनें और सैनीटाइजर का प्रयोग करने की जानकारियां भी दी गयी। उन्होंने कहा कि विवेकानंद अस्पताल द्वारा अभी तक कोरोना काल में दूरस्थ और दुर्गम गांवों में 8 स्वास्थ्य शिविर लगाया जा चुका है। जिनमें सैंजी, स्यूंण, बडगांव, हरमनी, बौंला, टंगणी गांव शामिल हैं। ऐसे ही स्वास्थ्य शिविर अन्य दूरस्थ गांव में भी लगाया जाएगा।