
संजय कुंवर, गुलमर्ग, जम्मू कश्मीर
गुलमर्ग / जम्मू कश्मीर : खेलों इंडिया नेशनल विंटर गेम्स दूसरे दिन उत्तराखंड को “एक सिल्वर दो ब्रोंज मेडल शार्दुल,हिमांशु व मेनका ने स्की पर्वतारोहण की वर्टिकल रेस में जीते पदक।
जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में चल रहे खेलो इंडिया नेशनल विंटर गेम्स के पांचवे संस्करण में आज खेल के दूसरे दिन स्की पर्वतारोहण पार्टिकल प्रतियोगिता में उत्तराखंड की ओर से प्रतिभाग कर रहे ज्योतिर्मठ क्षेत्र दो प्रतिभाशाली युवा शार्दुल थपलियाल और हिमांशु भंडारी ने क्रमश सिल्वर मेडल और ब्रोंज मेडल जीतकर कश्मीर की वादियों में प्रदेश का नाम रोशन किया है। खेलो इंडिया विंटर गेम्स गुलमर्ग के आज दूसरे दिन हुए पुरुषों की स्की माउंटेनियरिंग स्पर्धा में उत्तराखंड के जोशीमठ के शार्दुल थपलियाल ने गुलमर्ग की बर्फीली ढलानों में बर्फबारी के बीच हुए इवेंट्स में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए उत्तराखंड को सिल्वर मेडल दिलाया,वहीं जोशीमठ के ही एथलीट हिमांशु भंडारी ने भी इस स्पर्धा में ब्रोंज मेडल जीत कर दूसरे दिन तक के खेल में उत्तराखंड के मेडलों की संख्या 5 कर दी।
बता दें की शार्दुल थपलियाल बड़ागांव जोशीमठ के निवासी है और इस बार उत्तराखंड की ओर से खेलो इंडिया नेशनल विंटर गेम्स गुलमर्ग की स्की पर्वतारोहण प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने जम्मू कश्मीर में है। स्की पर्वतारोहण इवेंट में बेहतर प्रदर्शन कर रहे जोशीमठ के एथलीटों को लेकर सीमांत क्षेत्र में खुशी का माहौल बना हुआ है, हिम क्रीडा स्थली औली में पर्यटन कारोबार चलाने वाले उत्तराखंड के राष्ट्रीय स्की एथलीट दिनेश भट्ट ने बताया की शार्दुल थपलियाल बहुत मेहनती युवा एथलीट है वो प्रतिदिन बड़ागांव से पैदल मेरग परसारी होकर औली पहुंचता है और औली से स्की साजो सामान के साथ गोरसों बुग्याल तक प्रेक्टिस के लिए जाता है वही मेहनत का फल आज शार्दुल को खेलो इंडिया नेशनल विंटर गेम्स गुलमर्ग में स्की पर्वतारोहण वार्टीकल रेस में रजत पदक के रूप में मिला है, उन्होंने हिमांशु को भी उनके ब्रोंज मेडल जीतने पर बधाई भेजी है। हिमांशु ने भी अपने दमदार प्रदर्शन के बलबूते खेलो इंडिया नेशनल विंटर गेम्स में अन्य राज्यो के एथलीटों के सामने कड़ी चुनौती पेश की है। इधर उत्तराखंड की बेटी मेनका गुंज्याल ने भी स्की पर्वतारोहण इवेंट की वर्टिकल महिला वर्ग की रेस में तीसरा स्थान प्राप्त कर ब्रोंज मेडल हासिल किया है, इस तरह अब मेनका गुंज्याल एक गोल्ड और एक ब्रोंज मेडल जीतकर कश्मीर में पहाड़ का नाम रोशन कर चुकी है।