ग्रामीणों की सहभागिता से ही योजनाएं सफल होंगी : चेतना कांडपाल

Team PahadRaftar

संजय कुंवर बड़ागांव, जोशीमठ

जोशीमठ : वन पंचायत बड़ागांव के लिए 5 वर्षों की सूक्ष्म नियोजन योजना के अंतर्गत ग्रामीणों ने एक करोड़ से भी अधिक की योजना का अनुमोदन किया। उर्गमघाटी जोशीमठ चमोली बड़ागांव वन पंचायत में 5 वर्षीय सूक्ष्म नियोजन योजना के प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा की गई। आने वाले 5 वर्षों के अंतराल में गांव में क्षमता विकास पर्यावरणीय पहलुओं के अध्ययन एवं विश्लेषण आजीविका उत्पादन के साधनों को विकसित करना वन पंचायत की अपना कार्यालय एवं रखरखाव जैसे महत्वपूर्ण विषयों के अलावा हरियाली विकसित करने के लिए एक विस्तार पूर्वक कार्य योजना पर चर्चा की गई। जिसमें पैदल पाथ निर्माण, धारा सुंदरीकरण व प्राकृतिक पुनर उत्पादन के विषयों पर चर्चा हुई। जिसमें वन पंचायत के द्वारा 5 वर्षों में एक करोड़ 20 हजार रुपए के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इस मौके पर वन पंचायत सरपंच बड़ागांव सुनील रावत, उपप्रधान, महिला मंगल अध्यक्ष, वन पंचायत के वार्ड सदस्य और आम नागरिक उपस्थित थे। बैठक में नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क जोशीमठ की रेंज अधिकारी चेतना कांडपाल ने कहा कि ग्रामीणों की सहभागिता से ही योजनाएं सफल होंगी। सभी लोगों को मिलकर इस प्रयास को आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा भी वन पंचायतों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। वन पंचायतों की वार्षिक कार्य योजना भी तैयार की जाएगी। विशेषज्ञ संस्था के प्रतिनिधि जनदेश के सचिव लक्ष्मण सिंह नेगी कहां कि हमारा उद्देश्य एक सही और सहभागी कार्य योजना तैयार करना था। हमने सभी महिला संगठनों एवं स्वयं सहायता समूह ग्राम पंचायत के लोगों से इस कार्य योजना के बारे में विस्तार से बात की और उनके द्वारा दिए गए सुझाव के अनुसार यह कार्य योजना तैयार किया गया है। स्वरोजगार एवं पर्यावरण पहलुओं को देखते हुए योजना में ऐसी प्रावधान किए गए हैं कि जिससे जंगलों पर दबाव कम हो और पर्यावरण संतुलित रहे। वन पंचायतों में हरियाली लौट कर आए यह परिकल्पना हम लोगों ने की है। बढ़ते तापमान एवं जलवायु परिवर्तन से बचने के लिए एकमात्र उपाय है कि प्रकृति में वृक्षारोपण के अलावा जैव विविधता को बचाया जाए।
वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोतों को लोग स्वरोजगार में बदल सकते हैं। उस पर भी लोगों को विचार करना चाहिए और ऐसी कार्य योजनाओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है। वन पंचायत सचिव केदार दत्त, कुशल कम्दी, सुनील रावत, हेमंत राणा, दीपा देवी,जवाहर सिंह, सौरभ चौहान, अनुज व कपिल सहित अन्य लोग बैठक में उपस्थित रहे। दूसरी तरफ उत्तराखंड सरकार वन निदेशालय के द्वारा यह पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाया जा रहा है। पूरे उत्तराखंड में इसके सुखद परिणाम रहे तो वनपंचायतों में इस तरह की योजनाएं शुरू करने का सरकार का विचार है। प्रथम चरण में चमोली जिले के जोशीमठ नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के अंतर्गत 65 वन पंचायतों में से पांच वन पंचायतों को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है। जिसमें में बड़ागांव ,मेरग भेँटा, भरकी, पैका वन पंचायत को चुना गया। प्लान तैयार करने की जिम्मेदारी स्वैच्छिक संगठन को दिया गया है।

Next Post

सीबीएसई इंटरमीडिएट परीक्षा में पीस पब्लिक स्कूल के प्रियांशु कंडारी ने किया विद्यालय टाॅप - पहाड़ रफ्तार

गोपेश्वर : सीबीएसई इंटरमीडिएट के परीक्षा परिणाम आज घोषित कर दिए गए हैं। परीक्षा में 94.54% छात्राएं और 91.25% छात्र पास हुए हैं। इस साल रिजल्ट में सभी जोन में त्रिवेंद्रम सबसे ऊपर रहा है।साथ ही अवगत करा दें कि हाईस्कूल का परीक्षा परिणाम भी अभी कुछ देर पहले ही […]

You May Like