भू-धंसाव से राजकीय पॉलिटेक्निक भवन गौचर आया खतरे की जद में
राजकीय पालीटेक्निक गौचर के प्रधानाचार्य आवास के नीचे भूस्खलन से यह आवास जमींदोज होने के कगार पर है। खतरे को देखते हुए प्रधानाचार्य ने आवास खाली कर परिसर के ही एक कमरे में शरण ली है। भू-धंसाव से प्रधानाचार्य आवास के निकट हाइटेंशन लाईन के पोल व ट्रांसफार्मर भी खतरे में हैं। यदि सुरक्षा के उपाय न किए गए तो हाईटेंशन लाईन से व्यापक नुकसान हो सकता है। विद्यालय के प्रधानाचार्य ने जिलाधिकारी व एचएन को पत्र भेजकर भूस्खलन के खतरे से अवगत कराया है।
राजकीय पालीटेक्निक गौचर के प्रधानाचार्य देवेंद्र यादव का कहना है कि तकरीबन एक वर्ष पूर्व एनएच द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग चौड़ीकरण के दौरान सड़क के ऊपरी हिस्से में भूस्खलन शरू हुआ।
बताया कि भूस्खलन का दायरा लगातार बढ़ता गया। पहले चरण में ही खतरे को देखते हुए एनएच को अवगत करा दिया गया था। मगर एनएच की ओर से पालीटेक्निक की सुरक्षा के लिए कदम नहीं उठाए गए। उन्होंने बताया कि भूस्खलन बढ़ने के बाद अब प्रधानाचार्य आवास भी खतरे में है। प्रधानाचार्य आवास का एक हिस्सा भूस्खलन की चपेट में आने के बाद उन्होंने आवास खाली कर परिसर के एक कक्ष को आवास बनाया गया है। बताया कि प्रधानाचार्य आवास के निकट ही 11 केवी की हाईटेंशन लाईन के पोल व विद्युत ट्रांसफार्मर भी है। जो कभी भूी भूस्खलन की चपेट में आने के बाद बड़ा नुकसान कर सकते हैं। प्रधानाचार्य देवेंद्र यादव ने तत्काल सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए जाने की मांग की है।