आपदा से निपटने में सरकार का तंत्र पूरी तरह विफल : सूरज नेगी

Team PahadRaftar

लक्ष्मण नेगी

अधिकारी भाजपा के एजेंट के रूप में न बनाएं अपनी भूमिका- नेगी

आपदा से निपटने में सरकार का तंत्र पूरी तरह विफल

ऊखीमठ। उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा कि राज्य में 3 दिन तक हुई बारिश से सरकार का आपदा से निपटने के कोई भी इंतजाम नहीं थे जिस कारण राज्य वासियों से लेकर चारधाम यात्रा पर आए श्रद्धालु एवं पर्यटकों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। नेगी ने कहा कि आपदा के दौरान जमीन पर ना तो सरकार नाम की कोई चीज दिखाई दी और ना ही प्रशासनिक अमला। जिसके चलते जनता को किसी भी प्रकार की सहायता मुहैया नहीं हो पाई और पूरा तंत्र फेल साबित हुआ। वहीं दूसरी ओर आपदा में भी कुछ लोगों द्वारा अवसर ढूंढा गया और बाहरी प्रदेश से चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु तथा पर्यटकों से जमकर लूट कसोट की गई तथा कई जगह पर यात्रियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। नेगी ने कहा कि यदि सरकार प्रशासन को कड़ाई से इंतजाम करने के निर्देश करती और प्रशासनिक अमला धरातल पर कार्यकर्ता तो मौसम की मार से दूसरे पर्यटक और चारधाम यात्रा पर आए श्रद्धालुओं से मनमानी पैसे नहीं वसूले जाते। वहीं पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा रुद्रप्रयाग जिले में 1 घंटे की अचानक दौरे पर आकर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को भाजपा कार्यालय के दर्शन कराए जाने पर भी निंदा की। उन्होंने कहा कि सरकार प्रशासनिक मशीनरी को भाजपा का तंत्र न बनाएं अगर मुख्यमंत्री को आपदा को लेकर बैठक भी करनी थी तो जिला पंचायत सभागार या जिलाधिकारी कार्यालय के सभागार में की बैठक संपन्न कराई जा सकती थी। श्री नेगी ने आरोप लगाए आखिर नोटबंदी के दौरान भाजपा द्वारा अर्जित की गई संपत्ति में प्रशासनिक अधिकारियों को बुलाकर मुख्यमंत्री क्या संदेश देना चाहते थे। उन्होंने कहा कि 17,18 व 19 अक्टूबर को अगर जिला मुख्यालय पर बारिश से परेशान यात्रियों एवं पर्यटकों को भाजपा के लोग अपने छह करोड़ के कार्यालय में भी रखते हो सकता था कि कुछ यात्रियों को राहत मिलती। मगर भाजपा द्वारा ऐसा नहीं किया गया क्योंकि उनको जनता के बीच अपने आलीशान कार्यालय की पोल खुलने का डर था।

नेगी ने कहा मुख्यमंत्री द्वारा जनपद के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को बैठक के नाम पर पार्टी कार्यालय में बुलाना एक गलत परंपरा की शुरुआत की गई है और अधिकारी द्वारा भी एक पार्टी कार्यालय पर जाकर बैठक में शामिल होना जो एहसास कराता है जैसे अधिकारी भी आज भाजपा के एजेंट के रूप में अपनी कार्यप्रणाली का संचालन कर रहे हों। जहां पर न तो जनता की और ना ही प्रभावित लोग वहां पर सिर्फ भाजपा कार्यालय और भाजपा के गिने-चुने कार्यकर्ता और पदाधिकारी की मौजूदगी में ही आपदा पर पार्टी कार्यालय में चर्चा और मुख दर्शक के तौर पर जिलाधिकारी और एसपी मौजूद रहे। श्री नेगी ने कहा कि अधिकारी भाजपा की गुलामी की प्रथा को त्याग दें वह जनता के दुःख दर्द पर मरहम लगाएं तथा जन समस्याओं को प्राथमिकता दें। उत्तराखंड में बिहार व उत्तर प्रदेश जैसी संस्कृति को बढ़ावा न दें। तथा अधिकारी मर्यादाओं का ख्याल रखकर अपनी भूमिका को मजबूती से आम जनमानस की सेवा में समर्पित करें।

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