गौचर : उत्तराखंड की संस्कृति और तिब्बत व्यापार से जुडा गौचर मेला हमारी सांस्कृतिक विरासत है। आज भी गौचर मेला स्थानीय हस्तशिल्प और हथकरघा के पारम्परिक परिधान बहुत लोकप्रिय है। गौचर मेले में इस बार भी लोगों को जिले के हस्तशिल्प, हथकरघा व लघु उद्यमियों द्वारा निर्मित पारम्परिक परिधान एवं ऊनी वस्त्र बहुत भा रहे है और मेले में लगे उद्यमियों के स्टॉलों पर जमकर खरीददारी भी हो रही है। इन स्टॉलों पर गृहणियों को हैंडलूम के उत्पाद भा रहे है तो ठंड के मौसम को देखते हुए गर्म ऊनी वस्त्रों की भी जमकर खरीद्दारी हो रही है। स्थानीय हस्तशिल्प, हथकरघा, सूक्ष्म एवं लघु उद्योग से जुड़े लगभग 50 उद्यमियों ने इस बार 40 स्टॉल लगाए गए है। इन स्टॉलों पर पहले तीन दिनों में ही 11 लाख से अधिक का सामान बिक चुका है। मेले में अच्छी बिक्री को देखते हुए स्थानीय बुनकारों एवं शिल्पियों के चेहरे खिले है।
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Fri Nov 18 , 2022