रघुबीर नेगी
हेमवती नंदन बहुगुणा केन्द्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय के ग्यारहवें दीक्षांत समारोह 2023 में उर्गमघाटी के गिरीश रावत को प्रदान की गई विज्ञान निष्णात की उपाधि
उत्तराखंड राज्य का एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय हेमवती नन्दन बहुगुणा विश्वविद्यालय के 11 वें दीक्षांत समारोह 2023 में जोशीमठ विकासखंड के आंचल में बसी उर्गमघाटी की ग्राम पंचायत भर्की गांव के गिरीश रावत पुत्र लक्ष्मण सिंह रावत और विलोचना देवी को विज्ञान निष्णात (एम. एससी. भौतिकी) की उपाधि से सम्मानित किया गया।गिरीश रावत अभी वर्तमान में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन, जालोर (राजस्थान) में एसोसिएट रिसोर्सप्रसन के पद पर कार्यरत हैं। गिरीश के पिता लक्ष्मण सिंह उत्तराखण्ड पुलिस में हेड कांस्टेबल के पद पर गोपेश्वर में सेवारत हैं।
गिरीश की प्रारंभिक शिक्षा राजकीय प्राथमिक विद्यालय भर्की उसके बाद शिशु विद्या मंदिर पुनाड एवं विद्या मंदिर बेलनी (रुद्रप्रयाग) से संपन्न हुई। गिरीश बचपन से ही मेहनती और मेधावी छात्र रहा है। हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा 2016 में 94% अंकों के साथ उत्तराखंड राज्य मेरिट सूची में पंद्रहवीं रैंक प्राप्त की, वहीं इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा 2018 में 90 फीसदी अंकों के साथ विशेष श्रेणी में परीक्षा पास क यही नहीं बल्कि गिरीश ने उत्तराखण्ड पॉलीटेक्निक प्रवेश परीक्षा 2018 में 135 वीं रैंक हासिल की थी। वर्ष 2018 में गढ़वाल विश्वविद्यालय में B.Sc. में प्रवेश सूची में 25 वीं स्थान पर रहे और वर्ष 2021 में अपनी B.Sc. की परीक्षा उत्तीर्ण की। वर्ष 2021 से 2023 के बैच में गिरीश ने भौतिकी में एम एससी की और अपनी परा स्नातक की परीक्षा पास करने के साथ साथ अजीम प्रेमजी फाउंडेशन में भी गिरीश का चयन हुआ।
गिरीश ने इंडियन एयरफोर्स,इंडियन नेवी, एनडीए सुपर-20, जीप 2018, जीडीएस 2021, एसएससी जीडी 2021, पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम 2022, जीडीएस 2023, एआरपी. एपीएफ – 2023 जैसे अनेक प्रतियोगी परीक्षा भी क्वालीफाई की हुई है। गिरीश वर्ष 2018 से 2023 तक डीएसटी इंस्पायर स्कॉलरशिप होल्डर भी रहा है। गिरीश अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने माता पिता, गुरुजनों एवं अपने सहपाठियों को देते हैं। गिरीश का कहना है की परिश्रम सफलता की कुंजी है, वह मेहनत में विश्वास रखते हैं और इसी से सब कुछ संभव है। गिरीश ने अपने भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर टीसी उपाध्याय, डीन स्कूल ऑफ साइंस प्रोफेसर एस सी भट्ट एवम अपने मार्गदर्शक,सुपरवाइजर डॉ. आलोक सागर गौतम, असिस्टेंट प्रोफेसर भौतिकी विभाग का विशेष रूप से आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
आज तक गिरीश को उसकी उपलब्धि के लिए पंडित वासवानंद मैखुरी स्मृति सम्मान, सांस्कृतिक बन्याथ सम्मान, विद्या भारती सम्मान, मेधावी प्रतिभा सम्मान, गौरा देवी पुरस्कार- 2016, गौरा देवी पुरस्कार- 2018, कमला नेहरू पुरस्कार, अमर उजाला मेधावी प्रतिभा सम्मान आदि सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।
उर्गमघाटी एवं जोशीमठ के लिए यह गर्व की बात है।आज के समय में ऐसे युवा अपनी प्रतिभा से युवा छात्र छात्राओं के प्रेरणास्त्रोत बनते जा रहे हैं। इस ग्यारहवें दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में भारत की प्रथम नागरिक महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू , उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरुमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी शामिल रहे।
गढ़वाल विश्वविद्यालय के इतिहास में वर्ष 2009 में केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त होने के बाद यह पहला क्षण था जब गढ़वाल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के अवसर पर राष्ट्रपति मुख्य अतिथि के रूप में आई। वर्ष 2004 में भी तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी दीक्षांत समारोह में अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। समारोह की औपचारिक शुरुआत ढाई बजे हुई।इस वर्ष दीक्षांत समारोह की थीम: नारी शक्ति और समृद्ध रही।
गढ़वाल विश्वविद्यालय के चांसलर योगेंद्र ने समारोह को प्रारंभ और समापन की घोषणा की एवं कुलपति प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल ने सभी दीक्षार्थियों को दीक्षा वचन दिया। समरोह में गोल्ड मेडलिस्ट, यूनिवर्सिटी गोल्डमेडलिस्ट को भी सम्मानित किया गया।ठीक साढ़े चार बजे समारोह के समापन की घोषणा की गई।