सिदोली क्षेत्र के ग्रामीण काशतकारी भूमि के मुआवजा के लिए दर -दर की ठोकरें खाने को मजबूर, तहसील प्रशासन व पीएमजीएसवाई मुआवजा देने के बजाय अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं।
केएस असवाल
गौचर : आपदा के एक वर्ष बाद भी प्रभावितों को नहीं मिला खेती का मुआवजा। ग्रामीणों की पीएमजीएसवाइ सड़क निर्माण कटिंग से काशतकारी खेती को हुए नुकसान के मुआवजा के लिए तहसील व पीएमजीएसवाई के चक्कर लगाते – लगाते थक गए हैं। वहीं दूसरी ओर तहसील प्रशासन व पीएमजीएसवाई मुआवजा देने तो दूर अब मुआवजा देने के बजाय एक दूसरे के ऊपर मामला डालकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। जिससे प्रभावितों में आक्रोश बना हुआ है। प्रभावितों ने जल्द मुआवजा न मिलने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
दरअसल मामला विकासखंड कर्णप्रयाग के सिदोली क्षेत्र का है। जहां पर गौचर – दुवा- ढमढमा मोटर मार्ग निर्माण में पीएमजीएसवाई द्वारा अनियोजित कटिंग कर सड़क का मलवा बिना डंपिंग जोन के जहां – वहां फेंक दिया गया। जिससे पिछले वर्ष हुई भारी बारिश से ग्रामीणों की 50 नाली से अधिक काश्तकारी भूमि को भारी नुकसान हो हुआ है। इतना ही नहीं सड़क से हुए भूस्खलन से अब्बल सिंह के मकान भी खतरे की जद में आ गया है। जिस पर रहना अब खतरे से खाली नहीं है। वहीं दूसरी ओर सड़क कटिंग से ढमढमा की काश्तकार सुनीता देवी का गौशाला व काशतकारी भूमि को नुकसान हुआ है। जिसके मुआवजा के लिए सुनीता देवी विभाग के चक्कर लगाते – लगाते थक गई है। उन्होंने पीएमजीएसवाई के अधिशासी अभियंता निर्माण खंड कर्णप्रयाग को भेजे गये पत्र में कहा कि उनके खेतों और गौशाला को पीएमजीएसवाई सड़क भगणा – मझखोला — ढमढमा की कटिंग के दौरान हुए भूस्खलन के मलवा गिरने से भारी नुक़सान हुआ। जिसकी सूचना से विभाग को अवगत कराया गया था, लेकिन एक साल का समय बीत जाने पर भी पीएमजीएसवाई द्वारा अभी तक नुकसान की क्षतिपूर्ति नहीं दी गई है। क्षेत्र पंचायत सदस्य विक्रम सिंह बिष्ट, गुलाब सिंह बिष्ट, बलवीर सिंह बिष्ट आदि ने कहा कि वे इस संबंध में कई बार तहसील दिवस व अन्य बैठकों के माध्यम से शिकायत दर्ज कर चुके हैं, लेकिन अभी तक पीएमजीएसवाई कर्णप्रयाग द्वारा सड़क कटिंग से हुए नुकसान का मुआवजा नहीं दिया गया है। क्षेत्र पंचायत सदस्य विक्रय सिंह बिष्ट ने कहा कि उन्होंने 26 अप्रैल को बीडीसी बैठक में भी मामले को रखा गया। उपजिलाधिकारी कर्णप्रयाग द्वारा मामले में कार्रवाई की बात की गई थी लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई न ही प्रभावितों को मुआवजा मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि तहसील प्रशासन व पीएमजीएसवाई मुआवजा देने के बजाय एक दूसरे के उपर मामला डालकर अपनी जिम्मेदारियों से बच रहे हैं। ऐसे में क्षेत्र की जनता पिस रही है और उनकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही मुआवजा नहीं मिला तो ग्रामीणों के सामने आंदोलन करना ही अंतिम विकल्प होगा। दूसरी ओर क्षेत्रीय पटवारी जानकी देवी ने बताया कि आपदा में गौशाला को हुए नुकसान की रिपोर्ट उनके द्वारा तहसील प्रशासन को दी गई है। वहीं कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल का कहना है कि मामले की जानकारी नहीं है। आपके माध्यम से जानकारी मिली है। मामले में अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए जाएंगे।