केएस असवाल
गौचर : सन् 1968 में हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे में क्रैस हुए वायुसेना के एक परिवहन विमान के दुर्घटना में शहीद हुए चमोली जनपद के नारायण सिंह बिष्ट के पार्थिव शरीर को वायुसेना के हेलीकॉप्टर से गौचर हवाई पट्टी पर लाकर उन्हें भारतीय सेना की निगरानी में रूद्रप्रयाग ले जाया गया है। बृहस्पतिवार को उनके पैतृक गांव ले जाया जाएगा।
भारतीय सेना के अनुसार सात फरवरी 1968 में 102 क्रू मेंबरों को ले जा रहे हेप्टर के चंडीगढ़ से उड़ान भरने के बाद हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे के ढाका ग्लेशियर में क्रैश हो गया था। जिसमें चमोली जनपद के कोलपुड़ी गांव निवासी 404 मिडयम बटालियन के सिपाही नारायण सिंह भी शहीद हो गए थे। सेना से मिली जानकारी के अनुसार 56 साल बाद हिमाचल प्रदेश के लाहुल और स्पीति जिले के बटाल के पास चंन्द्रभागा रेंज की चोटी से चार शव बरामद हुए हैं। जिनमें चमोली जिले के पोस्ट थराली,थाना गेरुड़ कोलपुड़ी निवासी सिपाही नारायण सिंह का भी शव बरामद हुआ है। जिसे बृहस्पतिवार को वायुसेना के हेलीकॉप्टर से गौचर हवाई पट्टी में लाकर सेना के जवानों ने जहां गार्ड ऑफ आनर दिया वहीं सेना के अधिकारियों व पूर्व सैनिकों ने पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके पश्चात नारायण सिंह के पार्थिव शरीर को एंबुलेंस के माध्यम से रुद्रप्रयाग ले जाया गया। जहां उनके पार्थिव शरीर को सेना की निगरानी में मोर्चरी में रखा जाएगा। शुक्रवार को संस्कार से पूर्व उनके शव को अंतिम दर्शनों के लिए उनके गांव ले जाया जाएगा। इस अवसर पर भारतीय सेना के अधिकारियों के अलावा पूर्व सैनिक,बीरपाल सिंह नेगी, सुरेंद्र सिंह कनवासी, खुशहाल सिंह नेगी, सुरेंद्र कुमार, जगमोहन सिंह आदि ने पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।