केएस असवाल
गौचर : राज्यस्तरीय राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेला गौचर की छठवीं व अंतिम सांस्कृतिक संध्या लोकगायक रोहन भारद्वाज, लोकगायिका करिश्मा शाह व श्वेता माहरा के सुरों से सजी। तीनों गायकों ने एक के बाद एक गानों की प्रस्तुति देकर पांडाल में बैठे दर्शकों को थिरकने के लिये मजबूर किया।
इससे पहले सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत करते हुऐ श्वेता माहरा के नृत्य संगीत की प्रस्तुतियों, और स्थानीय सांस्कृतिक समिति देवभूमि सांस्कृतिक कला मंच नैणी नौटी तथा लोक जागृति संस्था कर्णप्रयाग के रंगकर्मी कलाकारों द्वारा रोचकपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर दर्शकों को खूब आनान्दित किया। लोकगायक रोहन भारद्वाज ने गाडु गुलाबंद, खुटी रौडीगे, डाली डाली फूलों की मुझको बुलाये, पहाड़ों को ठंडों पांडी़,बोल तेन चिठ्ठी किले नी भेजी, तुम्हें दिल लगी वो भूल जानी तथा करिश्मा शाह के गीत फूल फूल, फुलिड़िया, बेडू पाकों बारों मासों, नाटी रे नाटी, शम्भू भोले बाबा, बांज जौड़ियों को मीटू पाणी आदि गानों की प्रस्तुतियों पर युवा दर्शक देर रात तक थिरकते रहे।