मंगलवार को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान गौचर में प्रबंधन एवं नियोजन विभाग द्वारा त्रैमासिक समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
बैठक में प्रबंधन एवं नियोजन विभाग के विभागाध्यक्ष बीरेंद्र सिंह कठैत द्वारा विगत तीन वर्षों में किए गए कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया गया। 8 मार्च 1996 को स्थापित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान गौचर चमोली पूर्व में दीक्षा विद्यालय के रूप में स्थापित था, कठैत ने डायट के कार्यों का विवरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि संस्थान का प्रमुख कार्य प्रशिक्षण देना, अकादमिक अनुसमर्थन करना एवं क्रियात्मक शोध एवं सर्वेक्षण करना है।
विगत 3 वर्षों में संस्थान द्वारा फ्लैश कार्ड डेवलपमेंट, अर्थशास्त्र सेंटर फॉर एक्सीलेंस में विभिन्न प्रशिक्षण, काउंसलिंग एंड गाइडेंस के तहत 10 स्कूलों को प्रशिक्षण और प्रतिवर्ष ₹10000 दिए जाने और नवीन शिक्षकों को आनंदम का प्रशिक्षण, प्राथमिक शिक्षकों को बेसिक कंप्यूटर ट्रेनिंग, कोडिंग प्रोग्राम , ई कंटेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम और इंग्लिश कन्वर्सेशन के कार्यक्रम चलाए गए। संस्थान में तीन प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहे हैं जिसमें अर्थशास्त्र में प्रोजेक्ट निर्माण का कार्य,नवनियुक्त शिक्षकों को तीन दिन का आनंदम प्रशिक्षण एवं 21वीं शताब्दी के कौशल के तहत प्राथमिक शिक्षकों को प्रशिक्षण बेसिक कंप्यूटर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।संस्थान के प्राचार्य आकाश सारस्वत ने बैठक को संबोधित करते हुए जनपद के प्रत्येक विकासखंड में पांच कार्यक्रमों को अनिवार्यतः करने के निर्देश भी दिए,
जिसके तहत बहुभाषा प्रार्थना सभा का आयोजन जिसमें प्रथम दो दिवस में हिंदी ,बुधवार को अंग्रेजी ,बृहस्पतिवार को संस्कृत और शुक्रवार और शनिवार को गढ़वाली भाषा में प्रार्थना का संपूर्ण कार्यक्रम करने के निर्देश दिये गये, दूसरे कार्यक्रम के तहत विद्यालय में दीवार पत्रिका का निर्माण करने जिसके तहत पहले हिंदी भाषा, बाद में बहुभाषा और कक्षा 6 से 8 में विषय आधारित दीवार पत्रिका बनाने का भी निर्देश दिया गया। प्रत्येक विद्यालय में स्थान के आधार पर किचन गार्डन का निर्माण किया जाएगा। पुस्तकालय सशक्तिकरण के लिए विद्यालयों में पुस्तकों को पढ़ने के लिए बच्चों को प्रेरित किया जाएगा।सामूहिक जन्मोत्सव के कार्यक्रम विद्यालय में किए जाएंगे।
बैठक में नंदानगर विकासखंड के खंड शिक्षा अधिकारी पंकज उप्रेती ने अकादमिक चर्चा करते हुए डायट में प्राथमिक शिक्षकों को कंप्यूटर और यूडाइस की ट्रेनिंग देने और कन्वर्सेशन के कार्यक्रम भी आयोजित करने का सुझाव दिया। विकासखंड नारायणबगड़ के खंड शिक्षा अधिकारी अणीनाथ ने विद्यालयों में शैक्षिक वातावरण सुधारने के प्रयासों पर बल दिया।गैरसैंण के खंड शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार मठूडा ने प्रत्येक विद्यालय में राजीव गांधी ,सैनिक स्कूल घोड़ाखाल और नवोदय विद्यालय की पुस्तक रखने और एनएमएमएसएस में शत प्रतिशत बच्चों के नामांकन पर जोर दिया।द्वितीय त्रैमासिक बैठक में सेवारत विभाग के संस्थाध्यक्ष लखपत सिंह बर्तवाल ,प्रबंधन एवं नियोजन विभाग के योगेंद्र सिंह बर्तवाल ,समग्र शिक्षा के जिला समन्वयक सतीश चमोली, गजे सिंह नेगी, प्रदीप बिष्ट, ज्योति नेगी, देवाल विकासखंड से लक्ष्मी प्रसाद जोशी, अनूप रावत , थराली विकासखंड से रघुवीर सिंह बिष्ट, नारायणबगड़ विकासखंड से बीआरसी समन्वयक मतीउर रहमान सिद्दीकी , दशोली विकासखंड से प्रेम सिंह फरस्वान ,परख की जिला समन्वयक जया चौधरी, अजीज प्रेमजी फाउंडेशन से मीनाक्षी गैरसैंण से लखपत सिंह रावत, सुरेंद्र राम बिनवाल, पोखरी से राकेश भट्ट और जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से राजेंद्र प्रसाद मैखुरी , बचनलाल जितेला, नीतू सूद ,रविंद्र बर्तवाल,डॉक्टर गजपाल राज, गोपाल कपरूवान,दिगपाल सिंह रावत, सुबोध कुमार डिमरी एवम डॉक्टर कमलेश मिश्रा उपस्थित रहे। त्रैमासिक समीक्षा बैठक का संचालन वीरेंद्र सिंह कठैत द्वारा किया गया।