केएस असवाल
गौचर : जनपद चमोली की सीमा पर कमेड़ा में बड़ी मशक्कत से बीस घंटे बंद बाद मार्ग को यातायात के लिए खोला जा सका। लेकिन क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण कुछ घंटों के बाद पुनः मार्ग बंद होने से सैकड़ों यात्री फंस गए हैं।
दरअसल क्षेत्र में बीते दिन से लगातार हो रही बारिश के कारण जनपद चमोली के कमेड़ा जखेड़ के पास भूस्खलन होने से बृहस्पतिवार शाम तीन बजे के आसपास बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया था, जिसे शुक्रवार को 11 बजे के आसपास खोला जा सका। इससे लोगों ने राहत की सांस ली। लेकिन क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश के कारण कुछ ही घंटे बाद इस स्थान पर मार्ग पुनः बंद हो जाने से जाम की स्थिति बनी रही। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार दो बजे के आसपास मार्ग को पुनः यातायात के लिए सुचारू कर दिया गया है। लेकिन मार्ग कब बंद हो जाय कहा नहीं जा सकता है। हालांकि एनएचडीसीएल की एक मात्र मशीन मार्ग को खोलने का लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन पहाड़ी से गिर रहे पत्थरों की वजह से मार्ग खोलने में बाधाएं भी उत्पन्न होती रही। इस दशा में सैकड़ों यात्री फंस गए थे। स्थिति ऐसी हो गई थी कि आठ से दस किलोमीटर का जाम लगने से यात्रियों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ा।
बदरीनाथ हाईवे पर कमेडा भूस्खलन जोन
हालांकि प्रशासन का कहना है कि लगभग 130 यात्रियों को भोजन व ठहरने की व्यवस्था की गई। लेकिन कई यात्रियों की शिकायत थी कि उन्हे गाड़ियों में रात गुजारनी पड़ी। व्यापार संघ अध्यक्ष राकेश लिंगवाल का कहना है कि इतने बड़े भूस्खलन क्षेत्र में मात्र एक मशीन से काम चलाया जा रहा है। जो सरासर ग़लत है। प्रशासन को इसका संज्ञान लेना चाहिए। वहीं उनका कहना है कि कार्यदाई संस्था की लापरवाही का खामियाजा तीर्थयात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। एनएचडीसीएल की इसी लापरवाही के लिए पूर्व में जिलाधिकारी द्वारा फटकार भी लगाई गई है, बावजूद उसने अपने कार्य व्यवहार मे में कोई सुधार नहीं लाया है। व्यापार संघ उपाध्यक्ष व कांग्रेस कार्यकर्ता हरीश नयाल ने नगर में तीर्थयात्रियों की व्यवस्था न होने पर 19 तीर्थयात्रियों को अपने निवास स्थान भटनागर ने ठहराया गया।