केएस असवाल/ देवेन्द्र गुसाईं की रिपोर्ट
गौचर/चमोली : चमोली जिले में लगातार हो रही आफत की वर्षा से हर कोई हलकान हैं। नेशनल हाईवे चौड़ीकरण से जगह – जगह भूस्खलन व भूधंसाव होने से तीर्थयात्रियों के साथ ही स्थानीय जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है।
चमोली जनपद में मानसून सीजन में जिस तरह से हर दिन आसमान से आफत बरस रही है उससे हर कोई हलकान है। मूसलाधार बारिश से जहां बदरीनाथ हाईवे दर्जनों जगह हर दिन बाधित हो रहा है, वहीं दर्जनों ग्रामीण सड़कें भी इससे अवरूद्ध हुई हैं। बदरीनाथ हाईवे बारिश से हर दिन कर्णप्रयाग, छिनका, पीपलकोटी, पागलनाला, हेलंग, अणीमठ, कंचनगंगा और अन्य जगहों पर बाधित हो रहा है। जिन्हें हर दिन खोल दिया जा रहा है। लेकिन ग्रामीण सड़कें सप्ताह भर तक बंद पड़े हैं जिन्हें खोलने के कोई प्रयास न होने से लोगों को मूलभूत सुविधाओं के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है।
रविवार रात्रि को हुई भारी बारिश से बदरीनाथ हाईवे गौचर के पास कमेडा में पुलिया सहित लगभग 150 मीटर हाईवे टूट गया है। जिसे खोलने में 2-3 दिन का समय लग सकता है। जहां पर दोनों ओर सैकड़ों तीर्थयात्रियों के साथ ही स्थानीय लोग फंसे हुए हैं। प्रशासन ने फिलहाल ऋषिकेश – कर्णप्रयाग से आने वाले वाहनों को पोखरी – गोपेश्वर मार्ग से आने के लिए सूचित किया है। अब देखना है कि पोखरी – गोपेश्वर मोटर मार्ग की स्थिति कैसी है? क्योंकि इस मोटर मार्ग की स्थिति भी ज्यादा अच्छी नहीं होती है। ऐसे में प्रशासन को समय पर इस वैकल्पिक मार्ग को सही सुचारू करना चाहिए। जिससे तीर्थयात्रियों के साथ ही स्थानीय लोगों को भी इस मार्ग से कोई परेशानी न हो। वहीं भारी वर्षा से गौचर में कही घर जलमग्न हो गए हैं। सड़क टूटने से चार – पांच वाहन खेतों में जा गिरे हैं। चट्टपीपल के पास पेट्रोल पंप में भी भूस्खलन होने से नुकसान हुआ है। गौचर कमेडा में जिस तरह की दलदली भूमि है ऐसे में यहां पर हाईवे खोलना प्रशासन व एनएच के लिए बड़ी चुनौती बनी रहेगी।