गणित एवं भाषाई ज्ञान है जरूरी : सारस्वत
केएस असवाल
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान(चमोली ) गौचर में पांच दिवसीय बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान विषयक कार्यशाला का समापन हो गया है।
समापन अवसर पर प्राचार्य आकाश सारस्वत ने कहा कि निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए शिक्षक बच्चों की वर्तनी त्रुटियों का निवारण , अशुद्धियां उनके पढ़ने की गति को प्रति सप्ताह ट्रैक करें, गणितीय ज्ञान को रोचक ढंग से गतिविधि परक बनाएं जिससे बच्चे आसानी से समझ पायें। प्रशिक्षण से शिक्षकों की रूटीन कार्य शैली में बदलाव आता है। वे समस्याओं का निवारण अलग अलग अनुभव वाले शिक्षक मिलकर ढूंढते हैं, साझा करते हैं। विद्यालयों में नई ऊर्जा और उत्साह से पुनः कार्य में संलग्न हो जाते हैं। निपुण मिशन हेतु बाल मित्र पुस्तकालय व समुदाय की भागीदारी आवश्यक है।
इस अवसर पर संस्थान के वरिष्ठ प्रवक्ता श्री लखपत बर्तवाल ने सभी प्रतिभागियों को 2026-27 तक निपुण के लक्ष्य प्राप्त करने के लिये रणनीति बनाकर कार्य करने का आह्वान किया।
कार्यक्रम समन्वयक गोपाल कपरुवान ने बताया कि इस पांच दिवसीय कार्यशाला में भाषा व गणित सीखने के प्रतिफल आधारित पाठ योजनाएं व प्रश्नों का निर्माण किया गया। राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय सर्वे में इन विषयो से सम्बंधित प्रश्नों के बारे में चर्चा परिचर्चा की गयी। विद्यालय सतत प्रयास करके छात्रों की कमजोरियों व खूबियों का अभिलेखीकरण करने के बारे में बातचीत की गयी। शिक्षकों को साक्षरता व साहित्य, अधिगम शिक्षण सामग्री कार्नर, निपुण लक्ष्य में प्रधानाचार्य व सहायक अध्यापक की भूमिका एवं उत्तरदायित्व, बाल मित्र पुस्तकालय, आकलन, शिक्षा का अधिकार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति2020 आदि पर विस्तार से जानकारी के साथ ही समूहवार चर्चा कराई गई।
इस अवसर पर संस्थान के वरिष्ठ प्रवक्ता डॉ गजपाल राज, प्रशिक्षण के सन्दर्भदाता अंजना खत्री, पानू चौहान, विमला रावत, विनीता भंडारी सहित प्रतिभागी शिक्षकों में विजय चमोली, परमानन्द सती, अल्का शाह, बृजेश त्रिपाठी, महेश पुरोहित, प्रकाश दानू, जमन लोहानी, विनोद टम्टा, प्राची सहित 80 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।