गौचर : विकास की बाट जोहता गौचर क्षेत्र, सीएम धामी से बनीं उम्मीदें

Team PahadRaftar

केएस असवाल

आजादी के बाद से ही जनपद चमोली का विशाल गौचर मैदान भले ही राजनेताओं के रैली के लिए पसंदीदा जगह रही हो लेकिन किसी ने भी इस क्षेत्र के विकास की ओर ध्यान नहीं दिया गया। इससे क्षेत्रवासी अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।

गढ़वाल मंडल में समतल के क्षेत्र में अद्वितीय गौचर का क्षेत्र आजादी से विकास के लिए छटपटा रहा है। अलग राज्य बनने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि गौचर हवाई पट्टी व रेल लाइन के लिए अति उपजाऊ जमीन देने के बाद इस क्षेत्र का समुचित विकास हो पाएगा, लेकिन आजतक ऐसा नहीं हो पाया है। वर्ष 2004 में मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के कार्यकाल में स्वास्थ्य मंत्री तिलकराज बेहड़ ने तत्कालीन बदरीनाथ के विधायक अनसूया प्रसाद मैखुरी के निवेदन पर गौचर के प्राथमिक स्वास्थ्य के उच्चीकरण की वित्त मंत्रालय सहित स्वीकृति दी थी। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी, रमेश पोखरियाल निशंक ने भी इस चिकित्सालय की उच्चीकरण का आश्वासन दिया। लेकिन आजतक इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उच्चीकरण नहीं हो पाया है। 14 नवंबर 23 गौचर मेले के उद्घाटन अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी उच्चीकरण का भरोसा दिया था लेकिन अभी तक उच्चीकरण की कोई कार्यवाही नजर नहीं आ रही है। वर्ष 2011 में मुख्यमंत्री रहते हुए रमेश पोखरियाल निशंक ने गौचर में इंजीनियरिंग कॉलेज की घोषणा की थी। तब क्षेत्र के लोगों की उम्मीदें हिलोरे मारने लगी थी। लेकिन क्षेत्र वासियों को तब तगड़ा झटका लगा जब मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के कार्यकाल में गोपेश्वर में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना कर दी गई। इससे कांग्रेस के कार्यकर्ता भाजपा कार्यकर्ताओं के निशाने पर आ गए थे। इससे नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया था। स्थिति की नजाकत को देखते हुए 14 जनवरी 2013 गैरसैंण में विधानसभा भवन के शिलान्यास अवसर पर गौचर में वेटनरी कालेज की घोषणा की गई। इसके बाद मुख्यमंत्री रहते हुए हरीश रावत ने इस वेटनरी कालेज के लिए टोकन मनी भी निर्गत कर दी थी। लेकिन आजतक यह कालेज भी अस्तित्व में नहीं आ पाया है। यही नहीं हरीश रावत ने गौचर में बोली भाषा संस्थान की घोषणा भी की थी। कुछ दिन तक इस संस्थान को अमल में लाने के लिए प्राचार्य की नियुक्ति भी कर दी गई थी। लेकिन सत्ता परिवर्तन के साथ ही यह संस्थान भी नौ दो ग्यारह हो गया। विकास योजनाओं के लिए अपनी बेशकीमती जमीन कौड़ियों के भाव देने के बावजूद भी आजतक क्षेत्र का अपेक्षित विकास न होने से क्षेत्रवासी अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। अब प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने पहले व अब के कार्यकाल में तीसरी बार 15 फरवरी को गौचर आ रहे हैं इस अवसर पर वे गौचर क्षेत्र के लोगों की विकास के लिए दी गई जमीन की कुर्बानी के बदले क्या इनाम देते हैं इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।

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