8वीं बटालियन, आईटीबीपी के हिमवीरों ने सिविल जनता के साथ मनाया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
केएस असवाल
गौचर : हफीजुल्लाह सिद्दीकी सेनानी 8वीं वाहिनी आईटीबीपी के कुशल नेतृत्व एवं निर्देशन में आईटीबीपी के कैम्प परिसर में 150 हिमवीरों, राष्ट्रीय सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले बलिदानियों के आश्रित परिवार प्रतिनिधि, 50हिमवीर सदस्याओं एवं 50 विद्यार्थियों की उपस्थिति के मध्य 9वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य पर ‘‘हर घर आंगन योग’’ नामक थीम पर सामुहिक योगाभ्यास किया गया।
बुधवार को गृह मंत्रालय भारत सरकार के तत्वाधान में संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा जारी गाइडलाइन के मद्देनजर 8वीं बटालियन के द्वारा ‘‘हर घर आंगन योग’’ की थीम पर वाहिनी के अधिकार क्षेत्र में अवस्थित प्रमुख विरासत स्थल, प्रतिष्ठित स्थान एवं पर्यटन स्थल की दृष्टि से प्रमुख स्थल श्री केदारनाथ धाम, शक्तिपीठ धारी देवी, एवं सामरिक दृष्टि से भारत के प्रथम गांव नीति व अन्य सामरिक गांव -घमशाली, बम्फा एवं मलारी में स्थानीय जनता, श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के मध्य हिमवीर जवानों के द्वारा सामुदायिक योग सत्र का आयोजन किया गया। उक्त अवसर पर दुर्गम, अतिदुर्गम तथा विषम जलवायु में निवासरत गांव के नागरिकों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने हेतु आईटीबीपी के हिमवीरों के द्वारा योग को जीवन में अपनाने हेतु प्रोत्साहित किया गया। 9वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस, 2023 के उपलक्ष्य पर उपर्युक्त के अरिक्त वाईब्रेण्ट विलेज कार्यक्रम के अन्तर्गत मुख्य धारा से वंचित सामरिक गांवों के लोगों को विविध सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई तथा आईटीबीपी के अधिकारियों के द्वारा स्थानीय नागरिकों की समस्याएं भी सुनी गई तथा ग्रामीणों को आश्वासन दिया गया कि उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाएगा।
बटालियन स्तर पर आयोजित योगा कार्यक्रम में योग सत्र सम्पन्न होने के उपरान्त योगा प्रतियोगिता में भाग लेने वाले पदाधिकारियों में से प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले हिमवीर जवानों को हफीजुल्लाह सिद्दीकी, सेनानी, 8वीं वाहिनी के द्वारा पुरस्कृत किया गया। पुरस्कार कार्यक्रम के उपरान्त मुख्य अतिथि श्री हफीजुल्लाह सिद्दीकी, सेनानी, 8वीं बटालियन के द्वारा उपस्थित हिमवीरों, हिमवीर महिला सदस्याओं एवं विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बताया है कि योग प्राचीन भारतीय परम्परा एवं संस्कृति की अमूल्य देने है। आधुनिक समय में मानव जीवन के लिए योग की महत्वत्ता एवं लोकप्रियता का प्रमाण इस बात से जाहिर होता है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र के माध्यम से यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वाहन पर 193 सदस्य देशों में से 177 रिकॉर्ड सह-समर्थक देशों ने 21जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस सन् 2015 में मनाया गया था। योग वास्तव में उम्र, लिंग, जाति, पंथ, धर्म और राष्ट्र के बंधन की सीमाओं से परे है। मुझे अति प्रसन्नता है कि आज सैन्य परिवेश के मध्य हमारी भावी पीढी विद्यार्थी उपस्थित है। आज के दिन सैनिकों के साथ विद्यार्थियों को योग सत्र में सामिल करने का एक मात्र उद्देश्य देश के भविष्य विद्यार्थियों की अर्न्तनिहित क्षमताओं के विकास के साथ- साथ आदर्श नागरिक उत्तरदायित्व की भावनाओं के विकास हेतु योग के माध्यम से शरीर एवं मन के बीच पारस्परिक सामंजस्य स्थापित करते हुए स्वस्थ शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य से परिपूर्ण समृद्ध भावी पीढ़ी को तैयार करना है।
आज सैन्य जीवन में एक सैनिक को भिन्न-भिन्न भौगोलिक एवं जलवायु परिवेश का सामना करना पड़ता है। विषम जलवायु एवं दुर्गम-अतिदुर्गम भौगोलिक परिस्थिति में अपनी ड्यूटी के निर्वाहन हेतु, ऐसे विषम परिवेश में सामंजस्य तथा अनुकूलन हेतु योग हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है। मैं आशा करता हूं कि आप योग की महत्वता को समझ चुके होगें तथा आप इसे अपने दैनिक जीवन-चर्या में सामिल करके, अपने स्वस्थ शारीरिक एवं मानसिक स्तर को उच्च रखेंगे। इसके अतिरिक्त योग की उपयोगिता को प्रसारित करने हेतु, आप लोगों से आग्रह करूंगा कि योग के अपने परिवार एवं समाज को भी प्रशिक्षित करने में अपना अमूल्य योगदान प्रदान करेंगे। ज्ञातव्य रहे आई0टी0बी0पी0 के द्वारा सैनिकों एवं नागरिकों के मध्य पारस्परिक सौहार्द की भावना के विकास हेतु समय-समय पर विविध सामुदायिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।