केएस असवाल / देवेन्द्र गुसांईं
गौचर : 71वॉ राज्य स्तरीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक गौचर मेला का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पुरस्कार वितरण के साथ सोमवार को समापन हो गया। मेला समापन के मुख्य अतिथि श्रीनगर विधानसभा के पूर्व विधायक एवं बीकेटीसी के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने पुरस्कार वितरण करते हुए कहा कि पर्वतीय समाज के मेलों का स्वरूप भी अपने में एक आकर्षण का केंद्र रहा है और गौचर का यह प्रसिद्ध मेला इसका उदाहरण है। उन्होंने इस ऐतिहासिक मेले के पूर्व और वर्तमान स्वरूप को याद करते हुए आगे के मानदंडों को बनाए रखने की बात कही।
बतौर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के प्रतिनिधि मुख्य अतिथि गणेश गोदियाल ने कहा कि उत्तराखंड के सबसे पौराणिक गौचर मेले का एक अलग इतिहास रहा है। इस मेले ने संस्कृति और व्यापार संबंधों से चमोली जिले को अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। उन्होंने गौचर मेले के सफल संपादन एवं मेले को नया आयाम देने के लिए सभी को बधाई दी। कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुकेश नेगी ने कहा कि गौचर मेले की भव्यता भले ही बढी हो मगर हमें इसकी गुणवत्ता पर भी ध्यान देना होगा।
मुख्य अतिथि ने मेले के दौरान आयोजित हुए सांस्कृतिक, खेलकूद और अन्य प्रतियोगिताओं के विजेता, उपविजेताओं और कार्यक्रम के सफल संचालन में योगदान देने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों को पुरस्कृत किया। इस दौरान मुख्य अतिथि द्वारा फुटबॉल मैच के विजेता टीम बिष्ट 11 देहरादून को ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया। साथ ही खेलों में विजेता व उपविजेता टीमों को इनामी धनराशि, प्रशस्ति पत्र व प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया गया।
इस मौके पर आइटीबीपी आठवीं वाहिनी की ओर से दो शहीद आश्रित नारियों को सम्मानित किया गया। समारोह में कांग्रेस नगर अध्यक्ष सुनील पंवार, आईटीबीपी आठवीं वाहिनी के कमांडेंट हफीजुल्लाह सिद्दीकी, विजय प्रसाद डिमरी, इंदू पंवार, अजय किशोर भंडारी, अर्जुन नेगी, ईश्वरी प्रसाद मैखुरी, संदीप नेगी, देवराज रावत, हरीश नयाल, मुन्नी बिष्ट, तहसीलदार सुरेंद्र सिंह देव आदि मौजूद रहे।
मेलाधिकारी/उप जिलाधिकारी संतोष कुमार पाण्डेय ने जानकारी देते हुए बताया कि गौचर मेले में इस वर्ष उत्तराखंड की लोक संस्कृति के साथ-साथ कई मनमोहक कार्यक्रम हुए। मेले में रिवर राफ्टिंग, फन गेम्स, मुख्य पांडाल, किड्स जोन, सेल्फी प्वाइंट एवं विभागीय स्टॉल भी प्रमुख आकर्षण के केन्द्र बने रहे। मेले की सांस्कृतिक संध्याओं पर कलाकारों ने शानदार प्रस्तुतियों से मेले को यादगार बनाया। इस बार मेले में बच्चों, महिलाओं, युवाओं तथा बुर्जुग हर आयु वर्ग को कुछ न कुछ नया सीखने व देखने को मिला। मेलाधिकारी ने मेला समिति की ओर से सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आने वाले समय में मेले को और भव्य बनाने का प्रयास किया जाएगा।