केएस असवाल
गौचर : दो समुदायों के बीच हुए विवाद के बाद अब पुलिस ने घर-घर जाकर सत्यापन का कार्य शुरू कर दिया है। इस विवाद के चलते कई अधिकारियों को इधर से उधर भी होना पड़ा है।
बीते मंगलवार को दो समुदायों के बीच हुए विवाद ने जनपद चमोली के गौचर क्षेत्र को सुर्खियों में ला खड़ा कर दिया है।
मंगलवार को गुस्साई भीड़ ने समुदाय विशेष के लोगों की दुकानों में तोड़फोड़ करने के पांच दिन बाद भी वे दुकान खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। इस बीच कारण जो भी रहा हो गौचर पुलिस चौकी प्रभारी लक्ष्मी प्रसाद बिल्जवाण का तबादला कर दिया गया है। उनके स्थान पर पूर्व में रह चुके चौकी प्रभारी मानवेन्द्र गुसाईं को वापस बुला लिया गया है। शनिवार शाम तक उनके गौचर चौकी का प्रभार संभालने की संभावना जताई जा रही है। भले ही परगना मजिस्ट्रेट ने गौचर व कर्णप्रयाग में धारा 163 लगाकर स्थिति को शांत करने का प्रयास किया हो लेकिन जिस प्रकार से हिंदू समुदाय के लोग लगातार समुदाय विशेष के लोगों को अपनी मकानों व दुकानों से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए दबाव बनाने के साथ ही पालिका की बोटर लिस्ट से नाम हटाने के लिए शासन प्रशासन से आग्रह कर रहे हैं उससे प्रतीत होता होता है कि गौचर का पालिका क्षेत्र अब भी बारूद के ढेर पर खड़ा है। जानकारी के अनुसार जो समुदाय विशेष के लोग भाजपा के संगठन में जगह पा चुके थे वे भी अपनी दुकानें खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। कांग्रेस नगर अध्यक्ष सुनील पंवार का कहना है कि गलत करने वालों को सजा मिलनी चाहिए। जिस प्रकार से जगह-जगह दंगे हो रहे उससे सरकार फेल साबित हुई है। इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि समुदाय विशेष के लोगों को शुरुआती दौर में शरण किसने दी है।