रुद्रनाथ भगवान की विग्रह डोली 14 मई को अपने शीतकालीन गद्दी स्थली गोपीनाथ मंदिर के गर्भ गृह से निकालकर मंदिर परिसर में स्थित तिबारी में दर्शनों के लिये रखी गई। जहां दो दिनों तक पूजा-अर्चना के बाद 16 मई रविवार को कोरोना की पांबंदियो के बीच सीमित भक्तों के साथ 20 किमी पैदल दूरी पर स्थित रुद्रनाथ मंदिर से रवाना हुई। जिसके बाद 17 मई को यहां प्रातः काल मुख्य पुजारी धर्मेन्द्र तिवारी ने वन देवताओं की पूजा अर्चना कर मंदिर के कपाट खोले। पंडित हरीश भट्ट का कहना है कि रुद्रनाथ देश में एकमात्र मंदिर है। जहां भगवान शिव के दक्षिणमुखी एकानन मुखमंडल के दर्शन होते है। ऐसे में यह स्थान शिव भक्तों के लिये पौराणिक काल से ही आस्था और विश्वास का प्रतीक रहा है। इस मौके पर सतेंद्र सिंह और देवेंद्र सिंह के साथ ही मंदिर समिति के अन्य लोग मौजूद थे।
भगवान बदरी विशाल के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खुले - संजय कुंवर बदरीनाथ धाम
Tue May 18 , 2021