उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत हरेला पर्व पर बडे मिशन के साथ जनपद चमोली के चार दिवसीय भ्रमण पर हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने हरेला पर्व पर पूरे राज्य में एक लाख पीपल, वट और बरगद के पेड लगाने का संकल्प लिया है। जिसमें से 11 हजार पेड़ उनके द्वारा चमोली जनपद में लगाए जा रहे हैं। अपने भ्रमण के पहले दिन पूर्व मुख्यमंत्री ने गौचर से इस अभियान की शुरूआत करते हुए भराडीसैंण, गैरसैंण तक पीपल, वट एवं बरगद के पेड़ लगाए। वहीं दूसरे दिन कर्णप्रयाग, सोनला, बिरही, पाखी तथा कल्पेश्वर में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण किया। जिले में पहुॅचने पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री का जोरदार स्वागत किया।
पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि धरती पर जीवन बनाए रखने के लिए प्राण वायु के रूप में ऑक्सीजन सबसे जरूरी है। पीपल व बरगद के वृक्ष हमें 24 घंटे ऑक्सीजन देते हैं। इन पौधों का धार्मिक महत्व भी है। व्यवसायिक महत्व के न होने से धीरे-धीरे इन पौधों के रोपण को लेकर लोगों की रुचि कम होती जा रही है। औषधीय गुणों से भरपूर पीपल व बरगद के पौधे लगाने के लिए सभी को आगे आने की जरूरत है। शहरों में लगातार हो रहे निर्माण के चलते सामान्य श्रेणी के पेड़-पौधे भी तेजी से समाप्त हुए हैं, लेकिन पीपल व बरगद के पेड़ दूर-दूर तक नजर नहीं आते हैं। गांवों में भी इनकी संख्या अत्यंत सीमित हो गई है। बरगद के फल, दूध, पत्ते व छाल में भी औषधीय गुण होते हैं। पर्यावरण को शुद्ध रखने के साथ स्वच्छ हवा की जरूरत को पूरा करने के लिए पीपल व बरगद के पौधों के रोपण की जरूरत है।
इस दौरान बद्रीनाथ विधायक महेन्द्र प्रसाद भट्ट, थराली विधायक मुन्नी देवी शाह, भाजपा जिला अध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट, राज्य मंत्री समशेर सिंह, सत्याल, पूर्व राज्य मंत्री राजेन्द्र अन्थवाल, पूर्व राज्य मंत्री रिपुदमन सिंह रावत, वृज भूषण गैरोला, राम किशन रावत, पूर्व मीडिया सलाहकार दर्शन सिंह रावत, पूर्व बार काॅउसिंल के अध्यक्ष पृथ्वी राज चैहान, सहकारी बैंक अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह रावत, महिला मोर्चा के जिला अध्यक्ष चन्द्र कला तिवारी, युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह नेगी, अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष गोपाल राम टम्टा, नंदप्रयाग नगर पंचाय अध्यक्षा हिमानी वैष्णव, पीपलकोटी नगर पंचायत अध्यक्ष रमेश बंडवाल, पूर्व विधायक राज्यमंत्री अनिल नौटियाल, टीका प्रसाद मैखुरी, अरूण मैठाणी, राकेश कुमार डिमरी, राजेन्द्र प्रसाद डिमरी, मनोरमा नैनवाल, किशन सिंह, ऋषि प्रसाद पंती, भगवती प्रसाद आदि मौजूद रहे।