औली : ऑल इज वैल इन औली के सकारात्मक संदेश के साथ साल का पहला स्नो स्कीइंग कोर्स शुरू
संजय कुंवर, औली, जोशीमठ
एक ओर जहां पूरा उच्च हिमालई क्षेत्र कम बर्फबारी के चलते सूखे से जूझ रहा है, वहीं गुलमर्ग कश्मीर से लेकर हिमाचल प्रदेश की सोलंग वैली बर्फ के लिए तरस रही है। दूसरी ओर उत्तराखंड की एकमात्र विंटर डेस्टिनेशन औली में भी नाम मात्र की बर्फबारी हुई है, स्नो स्पोर्टस के लिए मशहूर औली की नन्दा देवी इंटरनेशनल स्की स्लोप भी बर्फ बिन सूखी ढलानों में तब्दील है। बावजूद इसके इसी लोकेशन में कुछ कर गुजरने का हौसला रखने वाले पर्यटन कारोबारियों ने हिम्मत दिखाते हुए औली में ही साल के पहले नेशनल स्नो स्की कोर्स प्रारंभ करा कर सीमित बर्फ और संसाधनों के बावजूद सुरक्षित औली सेफ औली,विजिट औली का संदेश विंटर डेस्टिनेशन औली आने वाले सभी पर्यटकों को दिया है।
गौरतलब है कि विगत वर्ष 2023 में भी ठीक इसी तरह के हालतों से जूझते हुए कम बर्फबारी के चलते हिम क्रीडा स्थली औली को राष्ट्रीय शीतकालीन खेलों सहित इंटर नेशनल FIS स्की चैंपियनशिप की मेजबानी से हाथ धोना पड़ा था,वर्तमान में भी बर्फबारी के शून्य हालतों के चलते एकबार फिर से औली में राष्ट्रीय स्तर की विंटर स्पोर्टस सहित स्नो स्कीइंग कोर्स पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं,ऐसे में ना के बराबर बर्फ में भी कुछ पर्यटन कारोबारियों ने हौसला दिखाया और 2024सीजन का पहला स्नो स्कीइंग कोर्स विंटर डेस्टिनेशन औली की ही एक बेहद खूबसूरत लोकेशन में शुरू करा दिया है। जिसमें देश के कोने – कोने से करीब 50 पर्यटक अनुभवी प्रशिक्षकों की देखरेख में स्नो स्कीइंग बेसिक प्रशिक्षण के साथ-साथ वादियों गढ़वाल हिमालय का भी लुफ्त उठा रहे हैं।
इस पर्यटन दल में कुछ प्रशिक्षु स्कियर सीनियर सिटीजन है जिनकी आयु करीब 82साल तक है, लेकिन औली की इन खूबसूरत वादियों में स्नो स्कीइंग कोर्स करने का आनंद लेकर वो अपने को 28साल के नौजवान के जैसी स्फूर्ति और ताजगी से भरपूर महसूस कर रहे हैं। इस नेशनल स्नो स्कीइंग कोर्स को औली में स्पोर्ट दे रहे पर्यटन कारोबारी रविंद्र कंडारी बताते है कि YHAI यूथ हॉस्टल एसोशिएशन ऑफ इंडिया के तहत साल का पहला स्नो स्कीइंग कोर्स ग्रुप को हमने बर्फ की कमी के बावजूद कठिन परिस्थितियों में शुरू करा दिया है। बर्फ की कमी है लिहाजा नन्दा देवी इंटरनेशनल स्की स्लोप औली के आसपास स्की कोर्स कराना सम्भव नही है फिलहाल हमने पर्यटकों की पेमेंट वापस करने के बजाय सकारात्मक सोच के साथ चल कर औली के आसपास की अन्य लोकेशन सर्च करके वहां इन स्कीइंग कोर्स को शुरू करने का प्लान बनाया था जो फिलहाल सही चल रहा है, ये कोर्स आगे भी फरवरी माह तक चलेंगे,आने वाले दिनों में बर्फबारी की उम्मीदें तो है,उत्तराखंड अल्पाइन जूनियर स्की टीम के मुख्य कोच और पर्यटन कारोबारी दिनेश भट्ट कहते है की ओली में बर्फ नही होने से दिक्कतें तो आ रही है लेकिन खाली हाथ बैठने से बढ़िया है की सकारात्मक सोच के साथ पर्यटकों के लिए सीमित संसाधनों में ही कुछ अलग करने की सोच बनाते हुए हमने आसपास के लोकेशन को स्की कोर्स के लिए चुना है, जिससे पर्यटकों भी खुश है और पर्यटन कारोबारी भी,बड़ी बात ये है की ऐसे वक्त जब विंटर डेस्टिनेशन औली में प्राकृतिक बर्फ नही है लिहाजा साढ़े 6करोड़ की लागत से औली की ढलानों में लगे आर्टीफिशियल स्नो मेकिंग सिस्टम को चालू किया जाता और कृत्रिम बर्फ में विंटर गेम्स के साथ पर्यटक खूब फन करते लेकिन ये तो शीतकालीन पर्यटन नगरी औली का दुर्भाग्य है की करोड़ों के लागत की विदेशी मशीनों को औली के स्लोप के ऊपर 13सालों से सिर्फ बोझ बनाकर फोटो खींचने के लिए लगाया गया है। न इससे बर्फ बन सकी है और न इस कृत्रिम बर्फ में कभी कोई नेशनल स्नो स्कीइंग इवेंट्स हो पाए है ऐसे में औली छेत्र के पर्यटन कारोबारियों की ये पहल काफी मायने रखती है, सिस्टम को आइना दिखाते हुए औली में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ाने के लिए इस तरह का प्रयास जरूर रंग लायेगा और अन्य पर्यटन कारोबारियों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन सकेगा।