प्यार और दर्द का अहसास अल्फाजों के साथ – कवियत्री शशि देवली

आज की भागदौड़ भरी जीवन शैली में जहां हर कोई जिन्दगी रूपी सफर में अपने – अपने कर्म रूपी कश्ती में सवार है और इस अविराम सफर में इंसान स्वयं को,अपने वजूद को ही भूल गया है। वहीं यह पुस्तक “इश्क से राब्ता”गजल संग्रह पाठकों के हृदय को छूकर भावनाओं के वशीभूत हो जाने को विवश होती है।पहली गजल की पहली पंक्ति हमें इस बात का ज्ञान देती है कि हमें यह जीवन जीने के लिए मिला है न कि किसी ऐसी रेस का हिस्सा बनने के लिए जिसकी कोई भी मंजिल नहीं है। इसलिए जो जीवन मिला है उसमें से कुछ पल अपने लिए चुराकर खुल कर जी लेने का संदेश शायर ने दिया है।
यादें उस पंछी की तरह होती हैं जो कब मन को छूकर निकल जाए इसलिए यादों को कलम से पन्नों पर हमेशा के लिए सहेज लिया जाये तो हमेशा हमारे पास रखकर दिल को बसलाती रहेगी।
प्यार का अहसास जितना कोमल और मीठा होता है उतना ही कठिन उसे निभाना भी होता है।

शायर का मन जहां प्रेम की भावनाओं से ओत-प्रोत है वहीं शायर ये भी जानता है कि प्रेम कि राह जितनी देखने में खूबसूरत नजर आती है उस पर चलना उतना ही कठिन और इम्तिहान भरा है।शायर अपनी गजल के माध्यम से बता देना चाहता है कि प्रेम की दुनिया के खुशनुमा सफर को हम अगर तय करना चाहते हैं तो हमें इसमें मिलने वाले दर्द और गमों को भी स्वीकारने को तैयार रहना चाहिए।साथ ही शायर की पारखी नजरें दुनियादारी की असल चेहरे से वाकिफ हैं।

क्योंकि ये जमाना मतलब की भाषा जानता है।सादगी – सच्चाई का इस मतलब कि दुनिया में कोई अर्थ नहीं और वो इसे परखना जानती है क्योंकि हर कोई यहां झूठ और फरेब का नकाब ओढ़े है।
शायर जीवन की सार्थकता और उसमें सकारात्मक ऊर्जा का निरन्तर संचार करते रहना चाहता है।प्रेम का भाव शायर को मन की मजबूती प्रदान करता है इसलिए यह बताने का प्रयास है कि जो हमें खुद को आगे बढ़ने , लगातार प्रयासरत रहने ,योग्य बनने कि और स्वयं की नजरों में उड़ने की सीख देता है वही प्रेम है।

हमें जीवन की सार्थकता को सिद्ध करने के लिए जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए लाख मुसीबत आए चाहे कितने भी मुश्किल दौर से हम गुजर रहे हों पर हमें धैर्य कभी नहीं खोना चाहिए।यह सन्देश शायर ने जुगनू के उदाहरण के माध्यम से दिया है क्योंकि जुगनू स्वयं का प्रकाश स्वयं ही बनता है न कि किसी अन्य की रोशनी का सहारा लेता है।
इस तारतम्यता में शायर उस परम शक्ति को याद करना नहीं भूलता है जिसने ये खूबसूरत दुनिया बनाई,जिसने हमारे अन्दर प्राणवायु का संचार किया।वो परम शक्ति जिसने कण- कण में प्रेम का बीज बोया है उसी परम शक्ति ने इस प्रकृति को हर तरह से संतुलित किया है।अगर खुशियां बांटी है तो गम भी हिस्से में दिया है।सुख – दुख का तालमेल बैठाकर जीवन जीने की कला हमें सीखनी चाहिए ये सन्देश शायर देता है।

कुल मिलाकर शायर जीवन की सार्थकता को समझता है और इस सार्थकता को बनाए रखने के निरन्तर प्रयासों से अवगत कराता है।जीवन के लिए प्रेम एक महत्वपूर्ण अध्याय है जिससे जिन्दगी की जीवन्तता बरकरार रखी जा सकती है, लेकिन साथ ही हमें दुनिया के नकाबों में ढके चेहरे पढ़ने का भी हुनर सीखना चाहिए क्योंकि यह दुनिया मतलब से भरी है जो हमें कभी भी धोखे में रख सकती है।पर हमें मुश्किलों से भी नहीं घबराना है क्योंकि ये जीवन रूपी यात्रा है इसमें कई पड़ाव आयेंगे कुछ अच्छे तो कुछ बुरे। हमें तब सकारात्मक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ना है और स्वयं के अन्दर ही अपना प्रकाश ढूंढ कर बाह्य परिवेश को भी प्रकाशित करना है।

गजल संग्रह- इश्क से राब्ता
कवियत्री – शशि देवली
प्रकाशक – उत्कर्ष प्रकाशन, मेरठ
मूल्य- 150 रुपये
सम्पर्क- मन्दिर मार्ग गोपेश्वर चमोली
मोबाइल नंबर – 9997716536

 


समीक्षक – प्रदीप बिष्ट
प्रवक्ता फिजिक्स

One thought on “प्यार और दर्द का अहसास अल्फाजों के साथ – कवियत्री शशि देवली

Comments are closed.

Next Post

चमोली में कोरोना नियंत्रण में, रविवार को एक की रिपोर्ट आई पॉजिटिव - पहाड़ रफ्तार

जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है। विगत कुछ दिनों से रोजाना गिनेचुने नए मामले ही सामने आ रहे हैं। पिछले चौबीस घंटों की रिपोर्ट में केवल एक व्यक्ति में ही करोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। जबकि सक्रिय मामले घटकर 102 रह गए। अभी तक जिले में […]

You May Like