विषमुक्त खेती पर किसान एवं विशेषज्ञों ने की चर्चा

Team PahadRaftar

विष मुक्त खेती पर किसान एवं विशेषज्ञों ने की वार्ता

हरिद्वार : सम्पूर्ण देश में किसान विष-मुक्त भोजन प्राप्त करने के लिए प्राकृतिक एवं जैविक खेती को अपना रहे हैं. खेती की इन विधाओं में सबसे बड़ी बाधा कीट नियंत्रण की है, इसके अनियंत्रण की स्थिति में किसान हताश होकर अंततः जहरीले रसायनों का प्रयोग करने लगता है. ये रसायन खेत की मिट्टी के साथ मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक हैं.

जहरीले रसायनों से खेत को मुक्त करने के लिए यांत्रिक विधि में लाइट ट्रेप, फेरोमैन ट्रेप के साथ ही जैविक विधियाँ कारगर सिद्ध हो रही हैं. कई किसान इनका सफल प्रयोग कर धन और समय की बचत के साथ स्वस्थ उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं. आज ऑनलाइन योगाहार कार्यक्रम के 8 9 2 वें दिवस पर जैव-यांत्रिक उपायों की आवश्यकता और बढ़ते हुए कदम विषय के अंतर्गत किसान एवं विशेषज्ञों की एक पैनल वार्ता में यह चर्चा संपन्न हुई.

इस पैनल वार्ता में डॉ बी पी सिंह ,पूर्व निदेशक कृषि, उत्तर-प्रदेश लखनऊ; श्री सुरेश कुमार संस्थापक ग्लोविया एलईडी प्रा.लि., नॉएडा; डॉ विनय कुमार वर्मा, उप-निदेशक कृषि, श्री पवन कुमार, सीजीएम्, पतंजलि आर्गेनिक इंस्टिट्यूट हरिद्वार, श्री अनुज कुमार सिंह, बीज उत्पादन अधिकारी, उपस्थित रहे. इस चर्चा में जैव-यांत्रिक तरीकों को अपना रहे किसान सर्व श्री मयंक कुमार वर्मा लखनऊ; श्री शरद वर्मा, मध्य प्रदेश, तथा श्री राजेंद्र गोदरा ने राजस्थान से प्रतिभाग किया. इस अवसर पर विभिन्न प्रान्तों से योगाहार के नियमित 50 किसान प्रतिनिधि उपस्थित थे.

डॉ बीपी सिंह ने कहा कि विषमुक्त खेती की दिशा में अर्जित अनुभवों के प्रचार-प्रसार के लिए योगाहार एक महत्वपूर्ण मंच है. उन्होंने उपस्थित किसानों को कीट नियंत्रण के लिए यांत्रिक विधियों को तेजी से अपनाने के प्रयास पर बधाई दी.

डॉ विनय कुमार का कहना था कि इन रसायनों के प्रयोग से प्राप्त उत्पाद खेत की मिट्टी के साथ मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक हैं. हमें चाहिए कि जैव-यांत्रिक तरीकों को अपनाने की गति में तेजी लाई जाये, तभी युद्ध-स्तर पर बढ़ रहे कैंसर एवं मधुमेह जैसी बिमारियों पर नियंत्रण मिल सकेगा.

श्री पवन कुमार ने उपस्थित अतिथियों का अभिवादन किया और विषमुक्त खेती की दिशा में चल रहे कार्यों को गति प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया.

इस अवसर पर श्री नौटियाल ने कहा कि वे कम कीमत पर सोलर ट्रेप तैयार करने का प्रयास करेंगे ताकि अधिकाधिक किसानों को अपनी खेती विषमुक्त करने में सहयोग मिल सके.

सुरेश नौटियाल ने छह माह पूर्व योगाहार के माध्यम से कीट नियंत्रण पर किसानों की समस्या को सुना. मुख्य रूप से एलईडी प्रोडक्शन करने वाले उद्यमी नौटियाल ने सोलर ट्रेप बनाने का संकल्प लिया और डॉ विनय वर्मा की देखरेख में उनका परीक्षण किसानों के खेत में किया. इस सफल परीक्षण में श्री मयंक कुमार भी सम्मिलित थे. आज योगाहार में उन्होंने अपने खेत से सोलर का लाइव डेमो दिखाया और बताया कि सोलर ट्रेप से विगत एक माह में उनके खेत से ८0 फीसदी कीटों का नियंत्रण हुआ है. कि वे सोलर ट्रेप के प्रयोग से खीरा उत्पादन में प्रति सीजन/ बीघा १५ हजार रुपये की बचत कर रहे हैं. उनकी यह धन राशि कीटनाशकों पर खर्च होती थी.

इस अवसर पर मध्य प्रदेश से श्री शरद वर्मा ने, राजस्थान से श्री राजेंद्र गोदरा ने अपने-अपने खेतों से लाइव प्रसारण कर विषमुक्त खेती की मुहीम के बारे विस्तार से वार्ता की. मध्य प्रदेश से किसान सेवा समिति के राज्य प्रभारी श्री मुन्नीलाल यादव, महाराष्ट्र से श्री नीलकंठ साबले एवं श्रीमती रंजना किन्हीकर ने इस वार्ता हेतु समन्वयन किया. कार्यक्रम का संचालन दिनेश चन्द्र सेमवाल ने किया.

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