संजय कुंवर जोशीमठ
भारत तिब्बत सीमा से लगे सुमना-2 में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कैंप के समीप शुक्रवार देर सांय को ग्लेश्यिर टूटकर सीमा क्षेत्र की सड़क पर आ गिरा। यहाॅ पर सड़क निर्माण कार्य में लगे बीआरओ के आठ मजदूरों की ग्लेश्यिर की चपेट में आने से मौत की पुष्टि हुई है। जबकि 6 मजदूर घायल हुए हैं और 384 मजदूर सुरक्षित बताए जा रहे हैं।
प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार सुबह हेलीकाप्टर से आपदा क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण कर प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया। इसके बाद जोशीमठ में जिला प्रशासन, पुलिस, अर्मी, आईटीबीपी के उच्चाधिकारियों के साथ घटना की गहनता से समीक्षा करते हुए रेस्क्यू कार्यो को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू के लिए जो भी संशाधनों की आवश्यकता होगी वो उपलब्ध कराए जाएगें। इस दौरान उच्च शिक्षा, सहकारिता मंत्री डा. धन सिंह रावत, बद्रीनाथ विधायक महेन्द्र प्रसाद भट्ट भी मौजूद थे।
जोशीमठ में सुबह 11ः30 बजे पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि घटना के तुरंत बाद से सेना, जिला प्रशासन, आईटीबीपी और एनडीआरएफ सहित बीआरओ युद्ध स्तर पर रेस्क्यू का कार्य में जुटी है। बताया कि जिस स्थान पर यह घटना घटित हुई है। वह जोशीमठ से 94 किलामीटर दूर होने के साथ ही संचार व आबादी क्षेत्र से विहीन है। यहां पर बीआरओ की ओर से सीमा सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा है शुक्रवार को सीमा क्षेत्र में ग्लेशियर का एक हिस्सा टूट कर सड़क पर आ गया। जिससे यह दुःखद घटना हुई है।
जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि घटना स्थल से 2 शव कल रात तथा 6 शव आज बरामद कर लिए गए है और 6 घायलों को रेस्क्यू किया गया है। भारी बर्फबारी के कारण सीमा क्षेत्र तक जाने वाले मोटर मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य किया जा रहा है। आर्मी की टीम कल रात से लगातार रेस्क्यू काम में लगी है और अभी रेस्क्यू चल रहा है। बीआरओ से भी लगातार घटना स्थल की जानकारी ली जा रही है। घटना स्थल पर रेस्क्यू के साथ साथ सड़क से बर्फ हटाने का कार्य चल रहा है।