जिलाधिकारी ने की ग्राम्य विकास विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं की समीक्षा, बदरीनाथ में ट्रांजिट हास्टल का कार्य पूर्ण न होने पर जेई के वेतन आहरण पर लगाई रोक
जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने मंगलवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में ग्राम्य विकास अभिकरण के अंतर्गत संचालित विभिन्न विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक ली।
जिलाधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जो आर्थिक रूप से कमजोर आय वर्ग के लोगों को पक्के आवास प्रदान करती है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अन्तर्गत मिशन मोड में काम करते हुए अवशेष निर्माण कार्यों को गुणवत्ता के साथ शीघ्र पूर्ण करें। हिमाच्छादित क्षेत्रों में इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
मनरेगा के अन्तर्गत लंबित देनदारियों का भुगतान करते हुए प्रतिमाह निर्धारित मानव दिवस सृजन का लक्ष्य हासिल करें। आजीविका मिशन के अन्तर्गत स्वयं सहायता समूहों, क्लस्टर लेवल फेडरेशन द्वारा किए जा रहे कार्यो का विश्लेषण किया जाए और लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए समूहों के माध्यम से सीआईएफ व सीसीएल फंड के साथ उपयोगी योजनाओं पर काम किया जाए। जिससे समूहों की आजीविका में वृद्धि हो। जल संरक्षण के लिए बहुउद्देशीय एप्रोच के साथ विस्तृत प्लान बनाकर मिशन मूड में काम किया जाए। बीएडीपी के अन्तर्गत अवशेष कार्यो को शीघ्र पूरा करें।
बीएडीपी के अन्तर्गत बदरीनाथ में चिकित्सा अधिकारियों एवं अन्य विभागीय स्टाफ हेतु ट्रांजिट हास्टल का कार्य समय पर पूर्ण न करने पर जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग के जूनियर इंजीनियर का वेतन रोकने के निर्देश भी दिए।
बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अन्तर्गत वर्ष 2022-32 स्वीकृत 1804 आवास में से 658 आवास पूर्ण हो गए है जबकि 1146 आवास निर्माण कार्य प्रगति पर है। मनरेगा में माह अगस्त तक मानव दिवस सृजन हेतु निर्धारित लक्ष्य 475191 दिवस के सापेक्ष 98.26 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। बीएडीपी के अन्तर्गत 26 कार्यों में से 23 कार्य पूर्ण हुए है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डॉ ललित नारायण मिश्र, परियोजना निदेशक आनंद सिंह सहित सभी ब्लाकों के खंड विकास अधिकारी एवं रेखीय विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।