ऊखीमठ। केदार घाटी के विभिन्न इलाकों में विगत दो दिनों से मूसलाधार बारिश जारी रहने से आम जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। हिमालयी क्षेत्रों में मौसम की तीसरी बर्फबारी होने से तापमान में भारी गिरावट महसूस की जा रही है। नदी – नालों के उफान में आने के कारण नदी किनारे बसे ग्रामीणों को चिन्ता सताने लगी है। प्रकृति का रूप निरन्तर विकराल होने से तुंगनाथ घाटी के ताला तोक के विस्थापन सूची से वंचित परिवारों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। विस्थापन सूची से गायब परिवार खण्डहर मकानों में दिन व्यतीत करने को विवश बने हुए हैं। आकाश कामिनी नदी के जल स्तर में यदि वृद्धि होती है ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ सकती है। रूद्रप्रयाग – गौरीकुण्ड नेशनल हाईवे सहित सभी लिंक मोटर मार्ग कीचड़ में तब्दील होने से राहगीरों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने पड़ रही है।हिमालयी क्षेत्रों के तापमान में लगातार गिरावट आने से भेड़ पालकों ने घरों की ओर रूख कर दिया है। बैमौसमी बारिश से काश्तकारों की गेहूं की बुवाई प्रभावित होने के साथ – साथ क्षेत्र का तीर्थाटन – पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हो गया है। बता दें कि केदार घाटी सहित विभिन्न इलाकों में विगत दो दिनों से मूसलाधार बारिश जारी रहने से आम जनजीवन अस्त – व्यस्त हो गया है।
हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी होने से तापमान में भारी गिरावट महसूस होने से लोग घरों में कैद रहने के लिए विवश हो गये हैं।मूसलाधार बारिश से तुंगनाथ घाटी के ताला तोक के विस्थापन सूची से वंचित परिवारों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। विस्थापन सूची से वंचित परिवारों ने बताया कि शासन – प्रशासन स्तर से जिन 72 परिवारों का विस्थापन हुआ है वे नये आशियाने की तलाश में है मगर विस्थापन सूची से वंचित परिवार खण्डहर मकान में रात्रि गुजारने को विवश बने हुए हैं। विस्थापन सूची से वंचित प्रतिपाल सिंह ने बताया कि आकाश कामिनी नदी का जल स्तर निरन्तर उफान पर है तथा विस्थापन सूची से वंचित परिवारों की चिन्ताये बढ़ती जा रही है मदमहेश्वर घाटी विकास मंच अध्यक्ष मदन भटट् ने बताया कि मूसलाधार बारिश से क्षेत्र का तीर्थाटन – पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हुआ है तथा ऊंचाई वाले इलाकों के तापमान में भारी गिरावट महसूस होने से भेड़ पालकों ने घरों की ओर रुख कर दिया है! काश्तकार दलवीर सिंह नेगी ने बताया कि मूसलाधार बारिश से काश्तकारों की गेहूं की बुवाई खासी प्रभावित हुई है तथा काश्तकारों को भविष्य की चिंता सताने लगी है। जिला पंचायत सदस्य परकण्डी रीना बिष्ट ने बताया कि क्षेत्र में विगत दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से तापमान में भारी गिरावट महसूस होने से लोग घरों में कैद रहने को विवश बने हुए है। कनिष्ठ प्रमुख शैलेन्द्र कोटवाल ने बताया कि मौसम विभाग द्वारा अलर्ट जारी करने तथा प्रशासन द्वारा केदारनाथ यात्रा पर रोक लगाने से केदार घाटी के अन्य धामों की यात्रा भी प्रभावित हुई है। ग्रामीण सन्दीप पुष्वाण ने बताया कि बैमौसमी बारिश से काश्तकार खासे चिन्तित हैं।