
डायट चमोली का पांच दिवसीय अंतर्राज्यीय शैक्षिक भ्रमण संपन्न
केएस असवाल
गौचर : शिक्षा के क्षेत्र में सतत् विकास के लिए शिक्षकों का अद्यतन ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव अत्यंत आवश्यक होता है, इसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद उत्तराखण्ड देहरादून की संस्तुति व जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान चमोली के प्राचार्य आकाश सारस्वत के मार्गदर्शन में डायट चमोली का उड़ीसा राज्य का सात सदस्यीय शैक्षिक भ्रमण संपन्न हो गया है।
शैक्षिक दल द्वारा उड़ीसा राज्य में विभिन्न शैक्षिक संस्थानों एससीईआरटी भुवनेश्वर, डायट पुरी, क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान भुवनेश्वर , उच्च प्राथमिक विद्यालय सर्वोदय नगर पुरी, राजकीय कपोतेश्वर कन्या हाईस्कूल रघुराजपुर तथा गोविंदजू पाटना उच्च प्राथमिक विद्यालय चौधवार,कटक का पांच दिवसीय शैक्षिक भ्रमण किया गया।
इस शैक्षिक भ्रमण का मुख्य उद्देश्य शिक्षक प्रशिक्षुओं को विभिन्न शिक्षण पद्धतियों, शिक्षण तकनीकों, शोध व प्रशिक्षण कार्यों तथा संस्थानों के प्रशासनिक कार्यों को समझना था। साथ ही विभिन्न विषयों से सम्बन्धित अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों व अकादमिक सुविधाओं का अवलोकन करना था।
विभिन्न शैक्षिक संस्थानों व विद्यालयों में भ्रमण के दौरान टीम ने नवीनतम शिक्षण तकनीकों, स्मार्ट क्लास, डिजिटल संसाधनों के उपयोग , सतत व व्यापक मूल्यांकन, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता, प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा और सेवारत व सेवापूर्व प्रशिक्षणों की जानकारी हासिल की। अनेक विशेषज्ञों के साथ संवाद भी किया गया।
शैक्षणिक संस्थानों के अतिरिक्त उड़ीसा राज्य के विरासत हस्तशिल्प ग्राम (हेरिटेज विलेज) रघुराजपुर का भी भ्रमण किया गया। यह गाँव अपने सुंदर पट्ट चित्रों, गोतिपुआ नृत्य, तुसाद चित्रकला, ताल पत्रों पर चित्रकारी, काष्ठकला, पाषाणकला व गोबर के खिलौने बनाने के लिए प्रसिद्ध है।
शैक्षिक दल के नोडल अधिकारी योगेंद्र सिंह बर्त्वाल ने बताया कि उड़ीसा राज्य की शिक्षा व्यवस्था के विषय में विस्तृत रिपोर्ट एक माह के अंतर्गत राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद देहरादून को प्रेषित की जाएगी। सात सदस्यीय टीम में योगेन्द्र सिंह बर्त्वाल, भगत कण्डवाल, सुबोध डिमरी, सुमन भट्ट, नीतू सूद, डॉक्टर कमलेश कुमार मिश्र व मृणाल जोशी शामिल हैं।