ऊखीमठ : देवभूमि उत्तराखंड के प्रवेश द्वार हरिद्वार से शुरू हुई छड़ी यात्रा के जिला मुख्यालय पहुंचने पर पारम्परिक वाध्य यंत्रों व देव ऋचाओं के साथ भव्य स्वागत किया गया। जिसमें जूना अखाड़ा के संत, स्थानीय श्रद्धालुओं सहित कोटेश्वर धाम के महंत शिवानंद गिरी शामिल थे। श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय सभापति एवं पवित्र छड़ी यात्रा के प्रमुख महंत प्रेम गिरी ने बताया कि यात्रा सफलता पूर्वक जारी है। छड़ी यात्रा यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम के बाद केदारनाथ को गमन करेगी। प्रदेश सरकार ने यात्रा को राजकीय यात्रा घोषित करने के बाद प्रशासन के साथ ही जगह-जगह स्थानीय लोगों द्वारा स्वागत किया गया। चारों धाम के लिए श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा द्वारा पवित्र छड़ी यात्रा शुरू की गई। हरिद्वार के मायादेवी मन्दिर प्रांगण से प्रारम्भ हुई। यह यात्रा प्रदेश के चारों धामों के साथसाथ अन्य पौराणिक स्थलों तथा मठ मन्दिरों से होते हुए जायेगी। चारों धामों की यात्रा के बाद पवित्र छड़ी अन्य पौराणिक स्थलों पर भी जायेगी। छड़ी यात्रा का समापन 1 नवम्बर को हरिद्वार वापसी के साथ होगा। जगद्गुरु सुमेरु पीठाधीश्वर स्वामी नरेन्द्रा नंद जी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म को बढ़ावा देने तथा जीर्णशीर्ण मठ मन्दिरों, सिद्ध स्थलों के प्रति जागरूकता लाने के ध्येय से शुरू की गयी छड़ी यात्रा से प्रदेश में श्रद्धालुओं का आगमन बढ़ेगा। श्रद्वालुओं के आगमन बढ़ने के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेंगे। कहा कि इससे पहले पवित्र छड़ी यात्रा यमुनोत्री धाम तथा गंगोत्री धाम पहुंची, जहां पर पूजा – अर्चना के साथ स्वागत किया गया। कोटेश्वर महंत शिवानंद गिरी ने कहा कि सनातनियों को एकजुट करने के लिए इस यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। कहा कि सनातन धर्म (हिन्दू)
को संरक्षित रखने के लिए सन्त शास्त्र का प्रयोग भी जानते हैं। और शस्त्र का प्रयोग भी जानते हैं। कहा भारत को आजाद करने में भी सन्त महंतों का काफी योगदान रहा है। और जब सृष्टि है तब तक चलता रहेगा। इसी तरह छड़ी यात्रा सनातनियों का शक्ति प्रदर्शन भी है।